Sharmistha Panoli Arrest: संविधान बोलने की आजादी देता है', शर्मिष्ठा मामले में बोले अधीर रंजन चौधरी

शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर बोले अधीर रंजन: संविधान हमें बोलने की आजादी देता है।
'संविधान बोलने की आजादी देता है', शर्मिष्ठा मामले में बोले अधीर रंजन चौधरी

कोलकाता: सोशल मीडिया पर विवादित बयान के बाद लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मनन मिश्रा के शर्मिष्ठा के समर्थन में उतरने पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संविधान हमें बोलने की आजादी देता है।

अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "हमारे देश में बोलने की आजादी है। यह आदेश हमें संविधान देता है। संविधान के मुताबिक हर व्यक्ति अपनी बात रख सकता है। अगर वह गैर-कानूनी या संविधान विरोधी होगी तो अलग बात है, लेकिन अगर किसी की बात सुनने में हमें अच्छा न लगे और फिर यह कहना कि वह अपराधी है, यह सही नहीं। हम इसका विरोध करते हैं। संविधान के तहत हमें आम नागरिकों को सुरक्षा देनी चाहिए।"

इससे पहले मनन मिश्रा ने पनोली पर बंगाल पुलिस की कार्रवाई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा, "मैं शर्मिष्ठा पनोली के साथ मजबूती से खड़ा हूं। अब डिलीट हो चुके सोशल मीडिया वीडियो के लिए उनकी गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत न्याय की विफलता को दर्शाता है।" उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जबरदस्त हमला बताया।

उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल सरकार के इशारे पर वहां की पुलिस लगातार विशेष समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है, जबकि खुद जब टीएमसी से जुड़े लोगों द्वारा अपराध किए जाते हैं तो पुलिस उस पर चुप्पी साध लेती है।"

इससे पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने भी पनोली की गिरफ्तारी का विरोध किया। उन्होंने कहा, "किसी को 'लॉ एंड ऑर्डर' के नाम पर इस तरह से परेशान करना ठीक नहीं है, खासकर जब उसने अपनी गलती के लिए माफी मांग ली हो और आपत्तिजनक पोस्ट को हटा भी लिया हो। किसी एक गलती के कारण उसके पूरे करियर और चरित्र को तबाह कर देना न्यायसंगत नहीं है। ऐसा व्यवहार किसी भी बेटी के साथ नहीं होना चाहिए।"

उन्होंने बंगाल सरकार से अपील की कि राज्य को 'नॉर्थ कोरिया' न बनाया जाए, बल्कि लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए।

उल्लेखनीय है कि कोलकाता के गार्डन रीच थाने की पुलिस ने शर्मिष्ठा को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था और शनिवार दोपहर कोलकाता के सिटी कोर्ट में पेश किया था। मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

 

 

 

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