नई दिल्ली: मन की बात कार्यक्रम के 127वें एपिसोड में पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय नस्ल के स्वान की चर्चा की। उन्होंने बताया कि बीएसएफ और सीआरपीएफ ने अपने दस्तों में भारतीय नस्ल के डॉग्स की संख्या बढ़ाई है।
पीएम मोदी ने कहा, "करीब 5 वर्ष पहले मैंने इस कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के स्वान की चर्चा की थी। मैंने देशवासियों के साथ ही अपने सुरक्षाबलों से आग्रह किया था कि वे भारतीय नस्ल के डॉग्स को अपनाएं, क्योंकि वो हमारे परिवेश और परिस्थितियों के अनुरूप ज्यादा आसानी से ढल जाते हैं। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने इस दिशा में काफी सराहनीय प्रयास किए हैं। बीएसएफ और सीआरपीएफ ने अपने दस्तों में भारतीय नस्ल के डॉग्स की संख्या बढ़ाई है।"
प्रधानमंत्री ने डॉग्स की ट्रेनिंग को लेकर कहा, "डॉग्स की ट्रेनिंग के लिए बीएसएफ का नेशनल ट्रेनिंग सेंटर ग्वालियर के टेकनपुर में है। यह उत्तर प्रदेश के रामपुर हाउंड, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुधोल हाउंड पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। इस सेंटर पर ट्रेनर्स टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के माध्यम से स्वानों को बेहतर तरीके से ट्रेन कर रहे हैं। भारतीय नस्ल वाले डॉग्स के लिए ट्रेनिंग मैनुअल्स को फिर से लिखा गया है ताकि उनकी यूनिक स्ट्रेंथ को सामने लाया जा सके। बेंगलुरु में सीआरपीएफ के डॉग्स ब्रीडिंग एंड ट्रेनिंग स्कूल में मांग्रेल्स, मुधोल हाउंड, कोम्बाई और पांडिकोना जैसे भारतीय स्वानों को ट्रेन किया जा रहा है।"
पीएम ने मुधोल हाउंड ब्रीड की रिया की प्रशंसा करते हुए कहा, "पिछले वर्ष लखनऊ में 'ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट' का आयोजन हुआ था। उस समय 'रिया' नाम की स्वान ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था। यह एक मुधोल हाउंड है, जिसे बीएसएफ ने ट्रेन किया था। रिया ने यहां कई विदेशी ब्रीड्स को पछाड़ते हुए प्रथम पुरस्कार जीता। अब बीएसएफ ने अपने डॉग्स को विदेशी नाम देने के बजाय भारतीय नाम देने की परंपरा शुरू की है। "
पीएम मोदी ने बताया, "हमारे यहां के देशी स्वान ने अद्भुत साहस भी दिखाया है। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के माओवाद से प्रभावित क्षेत्र में गश्त के दौरान सीआरपीएफ के एक देशी स्वान ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाया था। बीएसएफ और सीआरपीएफ ने इस दिशा में जो प्रयास किए हैं, उसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।"
