Bihar Voter List Controversy: एसआईआर अभियान को लेकर भ्रम फैलाना विपक्ष की पुरानी रणनीति का हिस्सा : चिराग पासवान

चिराग पासवान ने कहा- विपक्ष फैला रहा भ्रम, विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे पर जताई हैरानी
एसआईआर अभियान को लेकर भ्रम फैलाना विपक्ष की पुरानी रणनीति का हिस्सा : चिराग पासवान

नई दिल्ली:  बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है, वह विपक्ष की पुरानी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने हमेशा ऐसे मामलों पर भ्रम पैदा करने की कोशिश की है।

उन्होंने आगे कहा कि यह मेरी समझ से बाहर है कि जब सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, तो विपक्ष संसद को चलने नहीं देना चाहता। भ्रम पैदा करना विपक्ष की लंबे समय से चली आ रही रणनीति रही है, यह लोकसभा चुनावों के दौरान भी हुआ था, जब वे कहते थे कि संविधान खतरे में है, आरक्षण वापस ले लिया जाएगा। सीएए के समय भी ऐसा ही हुआ था, मुस्लिम समुदाय में भ्रम पैदा किया गया था। अब भी यही हो रहा है। राजनीतिक दलों के पास बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) हैं, अगर दस्तावेज़ीकरण में कोई समस्या है, तो वे मदद कर सकते हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि इस मामले का हमें राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं जो भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर रहे हैं। मेरा साफ तौर पर मानना है कि ऐसे मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मैं हैरान हूं। मेरे उनके साथ अच्छे संबंध थे, लेकिन यह हमारी समझ से परे है। यह बहुत आश्चर्यजनक है। आगे आने वाले दिनों में खुलासा होगा कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया।

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से अपने दस्तावेज जमा किए और मतदाता सूची में अपना नाम अपडेट कराने के लिए आवेदन किया। सभी ने यह काम किया है, और सभी इसे करवा रहे हैं।

वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहा है और हमें इस पर जोर देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

वहीं कांग्रेस सांसद जोथिमणि ने कहा कि जिन लोगों के बारे में भाजपा या चुनाव आयोग को लगता है कि वे भाजपा को वोट नहीं देंगे, उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जा रहे हैं। यह बहुत चिंताजनक है।

 

 

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