जैसलमेर: रोशनी और खुशियों के त्योहार दीपावली के दिन भी भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूरी चौकसी के साथ खड़े रहे। राजस्थान के जैसलमेर सेक्टर में, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह पहली दीपावली मनाई जा रही है।
जैसलमेर सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ के जवान डटे हुए हैं। रविवार को बॉर्डर पर सुरक्षा के इंतजाम पहले से कहीं ज्यादा कड़े देखने को मिले और जवान हाई अलर्ट पर रहे। इसी चौकसी और जज्बे के बीच, जवानों ने सीमा चौकियों को दीयों और रंगोली से सजाकर दीपावली मनाई और पूरे देश को सुरक्षा तथा त्याग का संदेश दिया।
बीएसएफ के जवानों ने सीमा चौकियों पर दीये जलाए, मिठाइयां बांटीं और देशभक्ति के गीत गाए। त्योहार की रौनक के बावजूद, हर जवान की निगाह सीमा पर चौकस थी।
महिलाकर्मियों ने आगे बढ़कर सजावट की कमान संभाली। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हमारे लिए सबसे बड़ा पर्व ड्यूटी है। घर पर परिवार दीपावली मना रहा है, लेकिन हम यहां देश की सुरक्षा में डटे हैं, ताकि देशवासी निश्चिंत होकर त्योहार मना सकें।"
एक जवान ने कहा, "हम यहां तैनात हैं ताकि आप अपने घरों में चैन से सो सकें। दीपावली का असली मतलब हमारे लिए चौकसी, सुरक्षा और फर्ज है।"
अधिकारी ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। त्योहारों पर सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं दी जाती है। पूरे सेक्टर में जवान अलर्ट मोड में तैनात हैं। पाकिस्तान की ओर से किसी भी नापाक कोशिश को नाकाम करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि सरहद की यह दीपावली सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि जवानों के हौसले, चौकसी और अटूट देशभक्ति का प्रतीक है। जवानों ने साबित कर दिया है कि जब तक वे सीमा पर जाग रहे हैं, देश की हर दीपावली सुरक्षित और रोशन रहेगी।