Arun Chaturvedi On Kharge: कांग्रेस में हाईकमान का मतलब केवल गांधी परिवार : अरुण चतुर्वेदी

अरुण चतुर्वेदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- गांधी परिवार ही हाईकमान, शाह पर भी उठाए सवाल।
कांग्रेस में हाईकमान का मतलब केवल गांधी परिवार : अरुण चतुर्वेदी

जयपुर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बदलाव की अटकलों पर कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है और कोई भी व्यक्ति इस मामले में बेवजह विवाद या भ्रम ना फैलाए। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने कहा, "मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनजाने में जो बात कह दी, वह वास्तव में सच है। दशकों से देश देख रहा है कि गांधी परिवार से ही कोई कांग्रेस अध्यक्ष बनता है। और अगर कोई और बन भी जाता है तो उसे जल्द ही हटा दिया जाता है। सीताराम केसरी का उदाहरण सबके सामने है।"

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में हाईकमान का मतलब केवल गांधी परिवार है। सोनिया गांधी बैठी रहती हैं और खड़गे खड़े रहते हैं। अध्यक्ष के नाते उन्हें दरवाजे से घुसने तक नहीं दिया जाता, जहां गांधी परिवार के लोग चर्चा करते हैं। वहां उनकी एंट्री तक नहीं है। कांग्रेस में हाईकमान वही होगा, जो गांधी परिवार में जन्मा हो। दूसरा व्यक्ति केवल मोहरा हो सकता है, हाईकमान नहीं।

अरुण चतुर्वेदी ने आगे कहा कि कांग्रेस की इस कार्यशैली ने पार्टी के भीतर नेतृत्व के अवसरों को सीमित कर दिया है और इससे कार्यकर्ताओं के मनोबल को धक्का लगा है। कांग्रेस में गांधी परिवार के बिना कोई भी बड़ा निर्णय नहीं लिया जाता, जिससे पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।

वहीं अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा, “मैं नसीरुद्दीन शाह से कहना चाहता हूं कि अगर आपका प्रभाव पाकिस्तान में इतना है, तो आप बांग्लादेश और पाकिस्तान में जाकर वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।”

अरुण चतुर्वेदी ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “पाकिस्तान बार-बार भारत की शांति भंग करता है। वहां से भेजे गए आतंकी जाति-धर्म पूछकर हत्याएं करते हैं। अगर आप ऐसे लोगों के साथ खड़े होते हैं, तो इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग देश की एकता और अखंडता के खिलाफ नहीं होना चाहिए।”

 

 

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