नई दिल्ली: पहले यह आम धारणा की थी कि हृदय रोग को उम्रदराज़ लोगों को होता है। लेकिन अब यह तेजी से युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। खासकर 20 से 30 साल की उम्र के लोग हृदय संबंधी बीमार से मार रहे हैं। हालिया अध्ययनों में पाया गया है कि खराब खान-पान, तनाव, बैठे रहने की आदत, धूम्रपान, शराब, मोटापा, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसे कारक इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। एक अध्ययन में सामने आया कि भारतीय युवाओं में असामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर आम हो चला है। साथ ही ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन यानी मधुमेह से जुड़ा एक संकेतक भी युवाओं में बढ़ा हुआ है। एक अन्य शोध में 35 से 45 आयु वर्ग के लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या को गंभीर बताया गया। पारिवारिक इतिहास, मोटापा, धूम्रपान और शराब इसका कारण बताए गए हैं।
इस बारे में डॉक्टर ने बताया कि भारत में 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि विकसित देशों की तुलना में भारत में यह समस्या कम उम्र में और अधिक गंभीरता के साथ सामने आती है, जिसका मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली और तनाव है।
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि समय रहते सजग हो जाने पर हृदय रोग से बच सकते है। इसके लिए सबसे जरूरी है नियमित जांच। रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की समय-समय पर जांच करवाकर शुरुआती लक्षणों को पकड़ सकते है। खानपान में सुधार, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और जैतून तेल का सेवन, दिल के लिए लाभदायक है। साथ ही, प्रसंस्कृत और मीठे खाद्य पदार्थों से दूरी जरूरी है।
व्यायाम को भी दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है। हफ्ते में कम से कम पांच दिन 30 मिनट की हल्की कसरत से भी हृदय रोग का खतरा कम कर सकते है। वहीं, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाकर हृदय को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है। तेजी से भागती जिंदगी में हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आज से ही सही आदतें अपनाना बेहद जरूरी है।