शहीद के सम्मान मे सरकारे नहीं करती सम्मान , शहादत को सम्मान का इंतजार

शहीद के सम्मान मे सरकारे नहीं करती सम्मान , शहादत को सम्मान का इंतजार


सुभाष पिमोली थराली 

शहीद के सम्मान को ले कर परिजन आज भी दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है. एक ओर जहां सरकार शहीदों के  गांव घर की मिट्टी कलश में ले जाकर सैन्य धाम का निर्माण कर रही है वही शहीद की शहादत को सम्मान दिया जा रहा है शहीदों के नाम पर स्कूल ,सड़क का नाम रखा जा रहा है और मेमोरियल बनवाकर शहीदों को याद किया जा रहा है वहीं चमोली जिले के थराली विकासखण्ड के सुनाऊ निवासी एक पूर्व सैनिक महावीर सिंह भी हैं जो अपने भाई की शहादत को सम्मान दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्राचार कर गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज दिन तक भी न तो इन पत्रों का कोई जवाब आया और न ही उनके शहीद भाई की शहादत को उचित सम्मान मिल सका 

 क्या है पूरा मामला दरसल वर्ष 13 दिसम्बर 1963 में सुनाऊ के रहने वाले केशर सिंह भंडारी भारतीय सेना में भर्ती हुए और भर्ती होने के महज दो साल बाद ही 15 सितंबर 1965 को भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान लड़ाई में शहीद हो गए वीर सैनिक की शहादत पर श्रद्धांजलि देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी वीर सैनिक के परिजनों को पत्र भेजते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की शहीद केशर सिंह भंडारी अविवाहित थे और महज दो वर्ष की सेवा के बाद ही भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए लेकिन इस शहादत को इतने लम्बे अरसे के बाद भी अब तक भी कोई सम्मान नहीं मिल पाया है 

 न तो शहीद के सम्मान में अब तक कोई मेमोरियल बन पाया है और न ही शहीद के नाम पर कोई स्कूल कोई सड़क अब तक बन पाई है 

शहीद केशर सिंह भंडारी के भाई बताते हैं कि वे 2015 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं और पुनः दोबारा उन्होंने अब उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय से उनके गांव में शहीद सैनिक की स्मृति में मेमोरियल बनवाने और सुनाऊ स्थित राजकीय इंटर कालेज का नाम शहीद केशर सिंह भंडारी के नाम पर रखने की गुहार लगाई है जबकि शहीद केशर सिंह भंडारी के भाई महावीर भंडारी मेमोरियल के लिए जमीन तक दान देने के लिए तैयार हैं ताकि उनके शहीद भाई की शहादत को सम्मान मिले और उन्हें याद किया जा सके 

अब देखना ये होगा कि भारत पाक युद्ध मे शहीद हुए केशर सिंह की शहादत को सम्मान का इंतजार कब खत्म होता है वही सुनाऊ के ग्राम प्रधान आशीष थपलियाल का कहना है सरकार शहीदो के घर से मिट्टी ले जाकर सैन्य सम्मान की बात कर रही है लेकिन क्या शहीद सेनिको को सम्मान मिल पा रहा ये केशर सिंह भंडारी की सहादत और उनके सम्मान को लेकर देखा जा सकता है सरकारों को वास्तव मे शहीदो के सम्मान मे स्कूल, सड़क पार्को मरमोरियल का निर्माण कर सम्मान देने का काम करना चाहिय तब जा कर हम शहीदो को सच्ची सर्धांजली दे पाएंगे।

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