नई दिल्ली: दुनिया भर में मौसम के उतार-चढ़ाव को लेकर जल्दी से बदल रही है, जिससे मानव समुदाय को नये संघर्षों का सामना करना हो रहा है। इस समय ला नीना के कमजोर प्रभाव की चपेट में आकर भीषण गर्मी की चिंता बढ़ गई है, जिसका संबंध जलवायु परिवर्तन से है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की भविष्यवाणी के अनुसार ला नीना के प्रभाव का कम होता होता है, तो गर्मी की लहरें और अनुचित मौसम की घटनाएं अधिक हो सकती हैं। यह समस्या न केवल मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और परिस्थितिकी को प्रभावित करेगी, बल्कि ग्रह के पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इस संकट से निकलने के लिए, ग्रीनहाउस गैस की निकासी को बढ़ावा देने के साथ-साथ, जलवायु परिवर्तन के लिए सामाजिक और आर्थिक उचित कदम उठाने की जरूरत है। मानवीय गतिविधियों ने हमें इस समय यह सिखाने के लिए उकसाया है कि हमारी प्राकृतिक स्रोतों की रक्षा करना हमारे अधिकार नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम जल्दी से कदम नहीं उठाते, तो भविष्य का मंज़र अधिक भयावह हो सकता है। हमें साझेदारी में उदार और पर्यावरणीय नीतियों को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि हम एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य बना सकें।



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