नई दिल्ली: आज के दौर में लोग फिटनेस और हेल्दी लाइफस्टाइल के प्रति ज्यादा जागरूक हो गए हैं, लेकिन कई बार यह जागरूकता जरूरत से ज्यादा हो जाती है, जिससे फायदे की जगह नुकसान होने लगता है। हर चीज की अति नुकसानदायक होती है, फिर चाहे वह सेहत सुधारने की कोशिश ही क्यों न हो। लो कार्ब डाइट, अत्यधिक व्यायाम, ग्लूटेन से दूरी, वीगन लाइफस्टाइल या इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसी ट्रेंडिंग आदतें संतुलन के बिना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि फैशन के तौर पर लो कार्ब डाइट को अपनाना सही नहीं है। कई लोग इसे सिर्फ इसलिए अपनाते हैं क्योंकि उनके किसी दोस्त या किसी सेलेब्रिटी ने इसे फॉलो किया और वजन कम कर लिया। एक अध्ययन के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इन्हें कम करने से आहार में फाइबर, विटामिन और खनिजों की मात्रा घट सकती है, जिससे थकावट, कमजोरी और मानसिक असंतुलन हो सकता है। कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का मुख्य स्रोत होते हैं, और इसकी कमी से शरीर और दिमाग दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसी तरह, जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना भी नुकसानदायक हो सकता है। अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, वयस्कों को सप्ताह में 150 से 300 मिनट मध्यम-तीव्रता वाली या 75 से 150 मिनट तीव्र-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। लेकिन कई लोग जल्द परिणाम पाने के लिए घंटों तक वर्कआउट करते हैं, जिससे मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। अत्यधिक व्यायाम से कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ सकता है, जिससे वजन बढ़ने और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। फास्टिंग यानी उपवास भी आजकल एक ट्रेंड बन गया है। खासतौर पर इंटरमिटेंट फास्टिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इसे बिना विशेषज्ञ की सलाह के अपनाना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। लंबे समय तक बिना खाए रहने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इसी तरह, शाकाहारी और वीगन डाइट को सही योजना के बिना अपनाने से पोषण की कमी हो सकती है। इनटेक एंड एडिक्येसी ऑफ द वीगन डाइट नाम की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, वीगन डाइट में अगर सही पोषण न लिया जाए तो विटामिन बी12, जिंक और कैल्शियम की भारी कमी हो सकती है, जो हड्डियों और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।