साहित्य अकादमी पुरस्कृत रचनाकार नीरजा रेणु का निधन

साहित्य अकादमी सम्मानित लेखिका नीरजा रेणु का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर।
neerja renu death

मधुबनी: साहित्य अकादेमी द्वारा 2003 ई. में ॠतम्भरा कथासंग्रह पर पुरस्कृत- सम्मानित लेखिका नीरजा रेणु का रविवार देर रात निधन हो गया। वे 80 वर्ष की गृहणी व साहित्यकार थीं। नीरजा रेणु के निधन पर आर.के.कॉलेज के मैथिली विभाग में शोक सभा का आयोजन किया गया। मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ.अरविन्द कुमार सिंह झा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में इन्होंने नीरजा रेणु (मूल नाम डा.कामाख्या देवी) की साहित्यिक अवदान पर चर्चा करते हुए ॠतम्भरा के अतिरिक्त धार पियासल, आगत क्षण ले, इजोत, कथा-पिहानी, मैथिली तथा संस्कृत साहित्य मे गौरीशंकर आदि पुस्तक पर विस्तार से विश्लेषण किया। इनकी सम्पादित कृतियों में मैथिली कथा धारा, पाबनि तिहार, मैथिली महिला-लेखन बीसम शताब्दी, सरिसबक फूल अग्रगण्य है। साहित्य अकादमी के अतिरिक्त इन्हें साहित्यिकी सम्मान से भी  2012 ई.में अलंकृत किया गया। विभागीय शिक्षकों में डॉ. मनोज कुमार साह, प्रमोद कुमार पासवान तथा डा.आदित्यनाथ झा ने इसे मैथिली- साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति कहा। इस अवसर पर डॉ.अरुण कुमार ठाकुर, डॉ.पुष्पलता झा, डॉ. ममता कुमारी ने भी अपने विचार रखे। विदित हो कि इनके पति प्रो. किशोरनाथ झा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार हैं, जो अभी भी रचनाशील हैं।

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