थाली पिटवाने के बाद अब सायरन बजवाएंगे डंकापति

पहलगाम हमले के बाद मॉक ड्रिल पर रोहिणी आचार्य का मोदी सरकार पर डर फैलाने का आरोप
mock drill india

पटना: पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में बढ़े सुरक्षा हालातों के बीच केंद्र सरकार द्वारा 7 मई को प्रस्तावित मॉक ड्रिल को लेकर राजद नेता रोहिणी आचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने इस कवायद को दिखावा बताते हुए इसे जनता में भय फैलाने की कोशिश करार दिया।

रोहिणी आचार्य ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “शोले के वीरू से भी बड़े ड्रामेबाज़ हैं अपने डंकापति। ड्रामे करने-करवाने से ज्यादा की उम्मीद डंकापति जी से मत रखिए, निराशा ही हाथ लगेगी।” उन्होंने कोरोना काल के दौरान थाली और दीया जलवाने के केंद्र सरकार के कदमों को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि, “महामारी के दौरान जब लाखों लोग जान गंवा रहे थे, तब डंकापति जी ने थाली-बर्तन पिटवाए, दीवाली मनवाई और फूलों की बारिश करवाई। मगर न कोई व्यवस्था की गई, न राहत।”

रोहिणी आचार्य ने केंद्र सरकार की 7 मई को प्रस्तावित मॉक ड्रिल पर सवाल उठाते हुए कहा, कि “अब जब पहलगाम हमले के 13 दिन बीत गए हैं, तो आतंकियों पर सीधी कार्रवाई करने की बजाय सरकार पूरे देश में सायरन बजवाकर खौफ फैलाना चाहती है।” उन्होंने लिखा कि देशवासी अब सायरन या ड्रिल नहीं, बल्कि सीधी कार्रवाई और दृढ़ नेतृत्व देखना चाहते हैं। “डंकापति जी, पूरा देश इंतजार कर रहा है कि पहलगाम हमले के गुनहगारों को कब मिटाया जाएगा। फ़तेह का बिगुल सुनना है, न कि डर फैलाने वाले सायरन।” 

दरसल, पहलगाम हमले के बाद देश में एक ओर सुरक्षा एजेंसियां हरकत में हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष मॉक ड्रिल को लेकर केंद्र की नीयत पर सवाल उठा रहा है। 

- क्या है गृह मंत्रालय की मंशा ?

गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, यह मॉक ड्रिल राज्यों को आतंकी हमलों जैसी परिस्थितियों में सुरक्षा और बचाव के उपायों की जांच करने और जनता को सतर्कता बरतने के संदेश देने के लिए किया जाना है। लेकिन विपक्ष इसे जनता को गुमराह करने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बता रहा है।

 

 

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