मधुबनी: शारदीय खरीफ महाअभियान की शुरुआत गुरुवार को मधुबनी के नगर भवन में कृषि विभाग द्वारा शुरू किया गया। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने खरीफ महाअभियान की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया। डीएम ने खरीफ महाअभियान को संबोधित करते कहा कि जलवायु के अनुरूप खेती किसानों के लिए आज के समय में एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। जो न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करता है। डीएम ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। भूगर्भ जल रिचार्ज तकनीक, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संरचना, इको। सिस्टमेटिक एग्रीकल्चर, फर्टिलाइजर और सिंचाई के समय में बदलाव और कम पानी में उगने वाली फसलों की खेती जैसे उपायों को अपनाकर किसान जल संकट से निपट सकते हैं। जीरो टाइल तकनीक, समेकित कीट प्रबंधन और बीज वितरण कार्यक्रम जैसे प्रयासों से फसल की गुणवत्ता में सुधार संभव है। डीएम ने किसानों से अपील किया कि वे पानी की हर बूंद को बचाएं, क्योंकि पानी खेती का मुख्य आधार है। वर्तमान में जल स्तर नीचे जा रहा है। ऐसे में जल संचयन संरचनाएं और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों को अपनाना आवश्यक हो गया है। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में कृषि, उद्यान, मत्स्य, पशुपालन समेत विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने भाग लिया और किसानों को संबंधित योजनाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा योजना, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, और परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने पर विशेष चर्चा की गई।
- मौसम के अनुरूप खेती करने पर वैज्ञानिकों ने रखे विचार
कार्यक्रम में बाहर से आए कई वरीय कृषि अनुसंधान केंद्र बसैठ के वैज्ञानिक मंगला नंद झा, कृषि अनिसन्धान केंद्र सुखेत के राहुल सिंह राजपूत ने मौसम अनुकूल खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया। मोटा अनाज के उत्पादन और विपणन पर भी विस्तार से चर्चा की गई, जिससे किसानों को आय के नए स्रोत मिल सकें। कार्यक्रम में कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजेश जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार, शिव कुमार सिंह सहित कई पदाधिकारी,किसान सलाहकार व किसान उपस्थित थे।