आतंकवाद विरोध दिवस के रूप में मनाई पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव की 34वीं पुण्यतिथि

राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आतंकवाद विरोध दिवस, युवा केंद्र में भावभीनी श्रद्धांजलि
legacy of Rajiv Gandhi

हरिद्वार: संचार क्रांति के जनक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि आज भगत सिंह चैक स्थित जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र में आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाई गई। जिसमें संस्था अध्यक्ष पं. पदम प्रकाश शर्मा ने भावी पीढ़ी के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण कर शिक्षित, संस्कारित एवं स्वावलंबी भारत निर्माण का संकल्प लिया। राजीव गांधी को 21वीं शदी के भारत का निर्माता बताते हुए नेहरू युवा केंद्र के अध्यक्ष पंडित पदम प्रकाश शर्मा ने कहा कि आज देश को राजीव गांधी जैसे नेतृत्व की आवश्यकता है। जिन्होंने भारत में सुपर कंप्यूटर का आविष्कार कर अमेरिका को झटका दिया, 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री का पद संभालते हुए उन्होंने भारत की राजनीति में बदलाव लाने के लिए 1985 में संदेश यात्रा निकाली, 1985 में ही अयोध्या के विवादित स्थल का ताला खुलवाया तथा 1989 में राम जन्मभूमि में मंदिर के शिलान्यास की अनुमति प्रदान कर दी। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निकाय चुनाव में महिलाओं का आरक्षण सुनिश्चित किया तथा हर गांव को अपनी सरकार चलाने का अधिकार दिया। 1986 में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना कराई तथा एमटीएनएल और बीएसएनएल की शुरुआत की। युवा पीढ़ी की राष्ट्र निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मताधिकार की आयु सीमा 21 वर्ष से हटाकर 18 वर्ष कर दी। स्व. राजीव गांधी देश के पहले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने 400 पार करते हुए आजादी के बाद से अब तक की सर्वाधिक लोकसभा सीटें प्राप्त कर एक रिकॉर्ड कायम किया तथा खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए खेल रत्न पुरस्कार का भी शुभारंभ कराया। श्रीलंका एवं मालदीव में शांति सेना भेज कर संकट मोचक का काम किया। 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे के आत्मघाती हमले में उन्होंने ऐसी शहादत दी कि देश का हर वर्ग आज उनको नमन करता है और उनकी स्मृतियों को ताजा करने के लिए नेहरू युवा केंद्र हार्दिक संवेदना एवं उनके प्रति श्रद्धा नमन करता है।

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