पदमश्री बहन माधुरी बड़थ्वाल का मातृ दिवस समारोह में शुभागमन

मातृ दिवस पर पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल ने मां की भूमिका को बताया जीवन का सबसे बड़ा आधार
Madhuri Barthwal event

देहरादून: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजपुर रोड सेवाकेन्द्र पर मातृ दिवस का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि( पद्मश्री 2022, नारी शक्ति पुरस्कार 2019 से सम्मानित, उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका, आल इंडिया रेडियो की पहली महिला संगीतकार) उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका आदरणीय बहन माधुरी बड़थ्वाल जी एवम् भाजपा महिला मोर्चा की मंत्री बहन दिव्या नेगी तथा उत्तराखंड सब जोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि ने ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर बहन माधुरी बड़थ्वाल (पदम श्री 2022, नारी शक्ति पुरस्कार 2019 से सम्मानित, उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका, आल इंडिया रेडियो की पहली महिला संगीतकार) ने मातृ दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा की मां की तुलना किसी से नहीं की जा सकती, मां की सीख ही एक बालक के जीवन का निर्माण करती है, उन्होंने कहा की हमारे जीवन में बचपन से लेकर बुढ़ापे तक अनेक लोग मिलते हैं जिनसे हम सीखते हैं और वो सब एक मां की तरह हमारा जीवन बनाते हैं, चाहे वो धरती मां हो, गंगा मां हो या प्रकृति मां। हर उस मां को आज मैं प्रणाम करती हूं जिन्होंने मुझे आज इस योग्य बनाया। बहन दिव्या नेगी ( समाज सेविका, भाजपा महिला मोर्चा मंत्री, यूथ रॉक फाउंडेशन की अध्यक्षा, तेजस्विनी सम्मान, वार्षिक सन्तुलन पुरस्कार से सम्मानित) ने कहा की एक बच्चे के लिए जन्म से लेकर जीवन के अन्त तक अगर उसका कोई सच्चा सहारा, सच्चा मित्र है तो वो है उसकी मां, इसलिए आज के इस प्रतियोगिता के युग में हर एक मां से मेरा निवेदन है की आज के समय अनुसार अपने बच्चे के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वो अपने बच्चे पर पूर्ण विश्वास रख हर वक्त उसकी बात सुनने के लिए तैयार रहे, ताकी वो कभी निराश न हो। हम अपने किसी भी कार्य से ज्यादा महत्व अपने बच्चों को दे ताकि वो सही समय पर सही निर्णय ले सके। इस अवसर ब्रह्माकुमारीज के उत्तराखंड सबजोन सर्किल की मुख्य संचालिका राजयोगिनी मंजू दीदी जी ने कहा की मां का रिश्ता वह रिश्ता है जिसकी तुलना किसी रिश्ते से नहीं की जा सकती, मां का रोल एक बच्चे के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है जन्म से लेकर आचरण सिखाने तक मा ही उसका पहला शिक्षक, गुरु होती है मां अगर बच्चे का सही मार्गप्रदर्शन करें तो वह अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकता है और इसके लिए आज के समय में एक मां के कर्तव्य में भी जो त्रुटियां आ गई है उनको दूर करने के लिए आध्यात्मिकता ही वह शक्ति है जो हम माताओं को पुनः सशक्त कर अपने बच्चों के प्रति अपना कर्तव्य निर्वहन करने में हमारी मदद कर सकती है, जिससे हम माताएं न केवल अपने परिवार बल्कि समाज, देश और विश्व के लिए भी आध्यात्मिक सशक्तिकरण के द्वारा एक सुंदर स्वस्थ श्रेष्ठ समाज के निर्माण में सहयोग कर सकती हैं। इस अवसर पर स्वाति बहन ने एक गीत एवं प्रियंका बहन ने अपनी कविता के द्वारा सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में पधारे अतिथि गणों को ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया। मंच का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी सोनिया बहन ने किया।  

 

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