Jagan Mohan Reddy Statement : लोगों को धोखा देने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने विकास के आंकड़े गढ़े: जगन मोहन रेड्डी

जगन बोले—सरकार ने जीएसडीपी आंकड़े गढ़े, असल आर्थिक स्थिति चिंताजनक
लोगों को धोखा देने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने विकास के आंकड़े गढ़े: जगन मोहन रेड्डी

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को दावा किया कि सरकार ने लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए आंकड़े गढ़े हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के लिए अग्रिम अनुमान जारी करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।

सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्‍ट में जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि सरकार ने धोखा देने के लिए चंद्रबाबू नायडू के मार्गदर्शन में आंकड़े तैयार किए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार जीएसडीपी के अग्रिम अनुमानों से संबंधित आंकड़े गढ़ सकती है, लेकिन वह भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा लेखा परीक्षित खातों में हेराफेरी नहीं कर सकती। राजकोषीय प्रदर्शन का पता सीएजी द्वारा जारी राज्य लेखा आंकड़ों से लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ये खाते चंद्रबाबू नायडू की सलाह पर तैयार नहीं किए गए हैं, बल्कि ये वास्तव में राज्य सरकार की वास्तविक प्राप्तियों और व्यय का संकलन हैं।

मुख्यमंत्री ने लिखा कि सीएजी द्वारा जारी इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के खातों से पता चलता है कि राज्य सरकार के राजस्व में बेहद कम वृद्धि हुई है। यह भी स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण राज्य सरकार के राजस्व को लूटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि टीडीपी गठबंधन सरकार लोगों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रही है कि राज्य की अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है। मैं चंद्रबाबू नायडू को महान अब्राहम लिंकन के ये शब्द याद दिलाना चाहूंगा कि आप सभी लोगों को कुछ समय के लिए और कुछ लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते।

वाईएसआरसीपी प्रमुख ने चंद्रबाबू नायडू से पूछा कि यदि राज्य की अर्थव्यवस्था वास्तव में फल-फूल रही है, तो सरकार को इस स्तर के वित्तीय तनाव का सामना क्यों करना पड़ रहा है।

जगन मोहन रेड्डी ने पूछा, "यदि 2014-19 के बीच आपकी सरकार में जीएसडीपी की वृद्धि दर इतनी सराहनीय थी, तो फिर राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में राज्य का योगदान 2019-24 के दौरान 4.78 प्रतिशत के आंकड़ों के मुकाबले केवल 4.45 प्रतिशत क्यों है? यदि 2014-19 के टीडीपी शासनकाल में राज्य की अर्थव्यवस्था ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया था, तो आपके शासनकाल में प्रति व्यक्ति आय में राज्य की स्थिति में एक पायदान का भी सुधार क्यों नहीं हुआ?"

--आईएएनएस

 

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