Vande Mataram Parliament Debate : दुर्भाग्य से 'वंदे मातरम' गीत राजनीति का शिकार हुआ, आज की चर्चा स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: भाजपा सांसद

वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में 10 घंटे की बड़ी चर्चा
दुर्भाग्य से 'वंदे मातरम' गीत राजनीति का शिकार हुआ, आज की चर्चा स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: भाजपा सांसद

नई दिल्ली: संसद में सोमवार को राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' पर चर्चा की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों का कहना है कि 'वंदे मातरम' गीत पर संसद में सभी को मिलकर एक सार्थक चर्चा करनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के फैसले के बाद, लोकसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम पर 10 घंटे तक चर्चा होगी। बंकिम चंद्र चटर्जी ने 150 साल पहले अपनी किताब आनंदमठ में वंदे मातरम लिखा था, जो धीरे-धीरे भारत की आजादी की लड़ाई का एक अहम हिस्सा बन गया।"

उन्होंने कहा, "विशाल देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से हो रहे स्वतंत्रता आंदोलनों में 'वंदे मातरम' गीत की बड़ी भूमिका थी। यह गीत स्वतंत्रता सेनानियों के अभिवादन से लेकर अंतिम शब्द के रूप में बनकर उभरा।"

गजेंद्र सिंह शेखावत ने आगे कहा, "दुर्भाग्य से 'वंदे मातरम' गीत भी राजनीति का शिकार हुआ। आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अस्मरणीय होगा, जब एक ऐसे गीत का, जिसने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने वाले हर सेनानी के जीवन में उत्साह को पैदा किया है, इस पर संसद में खुलकर सभी लोग चर्चा करेंगे।"

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सभी को मिलकर एक सार्थक चर्चा करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सभी इस पर मिलकर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं। 'वंदे मातरम' गीत राष्ट्र की पहचान का गाना था। आजादी के लिए लड़ने वाले हर व्यक्ति की जुबान पर यह गीत रहता था। आज, जब हम इसकी 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो पूरा देश इस गीत के लिए आभार व्यक्त करता है।

भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा, "देश के सभी नागरिकों के लिए इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता। आज 'वंदे मातरम' को 150 साल पूरे हो गए हैं। लोकसभा में पहले कभी ऐसी चर्चा नहीं हुई।"

उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम' पर चर्चा कोई सामान्य बात नहीं है। यह भारत के कण-कण का सम्मान होगा। यह उन वीर सपूतों और स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान होगा, जिन्होंने देश की आजादी के लिए कुर्बानी दी।"

--आईएएनएस

 

 

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