अहमदाबाद: वडोदरा पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी गैंग का पर्दाफाश किया है, जो भारत से संचालित होकर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था। यह गिरोह तालसात गांव स्थित एक आलीशान बंगले से कॉल सेंटर के रूप में कार्य करता था।
पुलिस ने गोपनीय सूचना के आधार पर विंटेज बंगला नंबर 51 पर छापेमारी की, जहां से कई राज्यों में फैले फर्जी कॉल सेंटरों का संचालन और वसूली का काम किया जा रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह अमेरिकी नागरिकों का निजी डेटा महज ₹80-90 प्रति एंट्री में खरीदता था। इसके बाद पीड़ितों को लोन मंजूरी के नाम पर टेक्स्ट संदेश भेजे जाते थे और उनसे 30% कमीशन वसूला जाता था।
जब पीड़ित प्रतिक्रिया देते थे, तो उन्हें लोन स्वीकृति के लिए केवाईसी प्रक्रिया जैसी औपचारिकताओं के बहाने धमकाया जाता था और एफबीआई का नाम लेकर डराया जाता था।
गिरोह अमेरिकी बैंकिंग नियमों की एक तकनीकी खामी का फायदा उठा रहा था, जिसमें असफल लेनदेन भी अस्थायी रूप से ग्राहक खाते में क्रेडिट हो जाते हैं। इसके जरिए पीड़ितों को प्रीपेड कार्ड्स में पैसे जमा करवाए जाते थे।
धोखाधड़ी से जुटाई गई रकम को एंगड़िया नेटवर्क के माध्यम से भारत में ट्रांसफर किया जाता था। जांच में सामने आया है कि अब तक 80 से अधिक अमेरिकी नागरिकों से ठगी की जा चुकी है।
--आईएएनएस
