UP 12 Crore Tree Plantation : मनरेगा के जरिए रोपे जाएंगे 12.50 करोड़ पौधे, हरियाली के साथ रोजगार को भी मिलेगा बढ़ावा

यूपी में 12.5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य, 'एक पेड़ मां के नाम' थीम से जोड़ा गया अभियान
यूपी : मनरेगा के जरिए रोपे जाएंगे 12.50 करोड़ पौधे, हरियाली के साथ रोजगार को भी मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य भर में मनरेगा योजना के माध्यम से 12.50 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। प्रक्रिया के अंतर्गत हरियाली के साथ-साथ रोजगार को भी बढ़ावा देने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

इस बार अभियान 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' थीम पर आधारित होगा, जिसका उद्देश्य केवल हरियाली बढ़ाना नहीं, बल्कि 'मातृ वंदना' के भाव को भी जनमानस से जोड़ना है।

पूरे प्रदेश में लखीमपुर खीरी को इस अभियान में सबसे बड़ा लक्ष्य मिला है। यहां 42 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई गई है। इसके बाद सोनभद्र को दूसरा और हरदोई को तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य सौंपा गया है।

इन जिलों में जलवायु और जमीन की उपलब्धता के अनुसार विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। मनरेगा के अंतर्गत पौधरोपण के लिए प्रदेश में 1.89 लाख से अधिक स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों को चिन्हित कर वहां की भौगोलिक और पर्यावरणीय स्थिति के अनुरूप पौधों का रोपण सुनिश्चित किया जाएगा। मनरेगा के तहत ग्रामीणों को इस कार्य में शामिल कर रोजगार और हरियाली दोनों को बढ़ावा दिया जाएगा।

योगी सरकार ने एक अनोखी पहल के तहत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को दो-दो सहजन के पौधे देने का निर्णय लिया है। सहजन पौधा न सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर होता है, बल्कि पोषण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह पहल ग्रामीण परिवारों के पोषण सुरक्षा की दिशा में एक और सार्थक कदम साबित होगा।

मनरेगा योजना के तहत इस मेगा प्लांटेशन अभियान में ग्राम्य विकास विभाग को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग ने लक्ष्य के अनुसार, हर जिले में पुख्ता तैयारियां कर ली हैं। इसमें स्थल चयन, पौधों की किस्म, देखभाल, सिंचाई और सुरक्षा की संपूर्ण योजना पर कार्य किया जा रहा है।

इस पूरे अभियान की सफलता केवल रोपण से नहीं, बल्कि पौधों की सुरक्षा पर भी निर्भर करेगी। इसके लिए मनरेगा के अंतर्गत पौधों की नियमित सिंचाई, देखभाल, ट्री गार्ड की व्यवस्था और निगरानी की जाएगी। पौधों की वृद्धि और संरक्षण पर भी नजर रखी जाएगी। इस अभूतपूर्व अभियान के जरिए प्रदेश सरकार पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ ग्रामीणों को रोजगार, स्वास्थ्य और भावनात्मक जुड़ाव प्रदान कर रही है।

 

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