लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज से विधानमंडल सत्र की शुरुआत हो रही है। सदन में इस बार भी हंगामे के ज्यादा आसार हैं। इस बार ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर 13 अगस्त से 24 घंटे लगातार चर्चा होनी है।
विपक्ष ने मतदान गड़बड़ी सहित कई मुद्दे उठाकर सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी में लगा है। विधानसभा के मानसून सत्र की आज से शुरुआत हो रही है। इस बार सदन कई खास चीजों को लेकर आगे बढ़ रहा है। सत्र के पहले दिन औपचारिक कार्यों जैसे अध्यादेशों, अधिसूचनाओं और विधेयकों के प्रस्तुतीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इसके बाद 12 से 14 अगस्त तक विधायी कार्यों और चर्चाओं पर जोर रहेगा। इस सत्र का सबसे खास आकर्षण 13 से 14 अगस्त को 24 घंटे से ज्यादा सदन में चर्चा होगी, जिसमें ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर विचार-विमर्श होगा। समाजवादी पार्टी (सपा) ने सरकारी स्कूलों के विलय, कानून-व्यवस्था और बाढ़ जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की बात कही है।
उधर सत्तारूढ़ दल भी विपक्ष की हर बात के जवाब की पूरी तैयारी में है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने 18वीं विधान सभा (2025) के द्वितीय सत्र को सुचारू, मर्यादित और रचनात्मक ढंग से संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने सभी नेताओं से अपील की कि वे अपने विचार शालीनता और संसदीय मर्यादा के दायरे में रखें तथा आपसी सम्मान और सौहार्दपूर्ण वातावरण में बहस करें।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पूर्व की भांति इस सत्र में भी सभी का सहयोग मिलेगा। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग से विधानसभा के नये स्वरूप, तकनीकी नवाचार और ‘विजन डॉक्यूमेंट’ जैसी पहल सदन के लिए मील का पत्थर सिद्ध होंगी।
मुख्यमंत्री एवं नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा होना आवश्यक है, क्योंकि जनता की भावनाओं को सर्वोत्तम रूप से जनप्रतिनिधि ही सदन में रख सकते हैं।