India Economic Challenges: देश को आर्थिक असमानता और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटना होगा : प्रियंका चतुर्वेदी

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- भारत को असमानता, बेरोजगारी और किसान चिंताओं पर करना होगा काम
देश को आर्थिक असमानता और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटना होगा : प्रियंका चतुर्वेदी

नई दिल्ली:  शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत निस्संदेह कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर कुछ प्वाइंट रखें। चतुर्वेदी ने अपने बयान में रेखांकित किया कि भारत को प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने, धन की असमानता को कम करने, किसानों और व्यवसायों की चिंताओं को संबोधित करने, और बेरोजगारी की समस्या से निपटने की जरूरत है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, "हां, भारत के सामने आर्थिक चुनौतियां हैं। भारत को प्रति व्यक्ति आय पर काम करना है। भारत को धन की असमानता को दूर करना है। भारत को किसानों और व्यापारियों की चिंताओं को समझना है। भारत को बेरोजगारी की समस्या से निपटना है, लेकिन सारी आर्थिक चुनौतियों का मतलब यह नहीं कि हमारी अर्थव्यवस्था ठप हो चुकी है। यह साफ तौर पर एक बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बात है, शायद किसी सौदे को पूरा करने के लिए।"

चतुर्वेदी का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग उनकी राय के समर्थन में दिखे, जबकि कुछ लोगों ने उनके बयान पर असहमति जताई।

प्रियंका चतुर्वेदी ने ये बयान उस समय दिया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा।

ट्रंप के इस फैसले पर देश में राजनीति तेज हो गई है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारत पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के बाद सरकार की पॉलिसी पर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को देश चलाना नहीं आता है। इस सरकार ने देश की पूरी इकॉनमी को खत्म कर दिया है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "आज भारत जिस मुख्य समस्या का सामना कर रहा है, वह यह है कि सरकार ने हमारी आर्थिक नीति, रक्षा नीति और विदेश नीति को बर्बाद कर दिया है। वे इस देश को बर्बाद कर रहे हैं।"

 

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