नई दिल्ली: संसद पर हुए आतंकी हमले की 24वीं बरसी पर शनिवार को संसद भवन परिसर में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को नमन करते हुए उनके सम्मान में एक गरिमामय और भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
श्रद्धांजलि समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। सभी लोगों ने संसद भवन परिसर में शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उन वीरों को याद किया, जिन्होंने 'लोकतंत्र के मंदिर' की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इस अवसर पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक विशेष दस्ता ने शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर और शोक शस्त्र के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। पूरे समारोह के दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने अनुशासन, सटीकता और गरिमा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जो बल की उच्च पेशेवर परंपराओं को दर्शाता है। यह सैन्य सम्मान शहीदों के प्रति गहरे सम्मान, कृतज्ञता और स्मरण का प्रतीक रहा।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सीआईएसएफ के महानिदेशक प्रवीन रंजन भी उपस्थित रहे। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए बल के जवानों के उत्कृष्ट औपचारिक प्रदर्शन की सराहना की और देश की प्रमुख लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा के प्रति सीआईएसएफ की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया।
कार्यक्रम के दौरान यह संदेश भी स्पष्ट रूप से उभरा कि उन सुरक्षा कर्मियों के साहस, समर्पण और बलिदान की एक मार्मिक याद दिलाता है, जो आतंकवाद का सामना करते हुए दृढ़ रहे और भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की पवित्रता सुनिश्चित की।
बता दें कि 13 दिसंबर, 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद परिसर को निशाना बनाया था, जिसमें दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो सदस्य और एक माली की मौत हो गई थी। हमले के दौरान सुरक्षाबलों ने सभी पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था। वहीं, परिसर के अंदर मौजूद सभी मंत्री और सांसद सुरक्षित बच गए। कुल मिलाकर, इस हमले में नौ लोग मारे गए, जबकि कम से कम 17 अन्य घायल हो गए थे।
--आईएएनएस
