Nana Patole Suspended: नाना पटोले को महाराष्ट्र के किसानों की आवाज उठाने की मिली सजा : अमीन पटेल

नाना पटोले के निलंबन पर कांग्रेस का विरोध, किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
नाना पटोले को महाराष्ट्र के किसानों की आवाज उठाने की मिली सजा : अमीन पटेल

मुंबई:  कांग्रेस विधायक नाना पटोले को महाराष्ट्र विधानसभा से एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। नाना पटोले ने शक्तिपीठ महामार्ग और किसानों के मुद्दे को लेकर स्पीकर के पास रखे राजदंड को हाथ लगाया था। इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।

इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने एक दिन के लिए सदन से वॉकआउट करने का फैसला किया। कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने कहा, “नाना पटोले ने महाराष्ट्र के किसानों की आवाज उठाई और किसानों की बात करने पर अगर सरकार सजा देती है तो हम इसके लिए तैयार हैं। आज राज्य का किसान संकट में है। कर्जमाफी नहीं हो रही, उसे राहत नहीं मिल रही। सरकार किसानों की मदद करने की बजाय नाना पटोले को नीचा दिखाने का काम कर रही है। माफी मांगने के बजाय नाना पटोले को निलंबित कर दिया गया। हम उनके समर्थन में एक दिन के लिए सदन से वॉकआउट कर रहे हैं। अगर सरकार किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए सरकार हमें दंडित करना चाहती है, तो हम उसका सामना करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगी और किसानों के हक के लिए संघर्ष जारी रखेगी।"

इस बीच अमीन पटेल ने मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बार बीएमसी चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेगी और अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। हम पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं। कांग्रेस मजबूती से मैदान में होगी और मुंबई की जनता के लिए काम करेगी।

वहीं, बिहार में वक्फ कानून को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शन पर भी अमीन पटेल ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “हम शुरू से ही इस कानून का विरोध कर रहे हैं। हमने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया है और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमें उम्मीद है कि वहां से हमें न्याय मिलेगा। कांग्रेस अल्पसंख्यकों और सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"

आपको बता दें, नाना पटोले के निलंबन ने महाराष्ट्र की सियासत में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार किसानों और आम लोगों के मुद्दों को दबाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ दल का कहना है कि विधानसभा की मर्यादा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

 

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