Madhya Pradesh Drug Testing : कफ सिरप कांड के बाद एक्शन मोड में सरकार, हर जिले में दवा जांच लैब, केंद्र को भेजा गया 211 करोड़ का प्रस्ताव

कफ सिरप कांड के बाद मध्य प्रदेश में हर जिले में दवा जांच लैब की स्थापना होगी
कफ सिरप कांड के बाद एक्शन मोड में सरकार, हर जिले में दवा जांच लैब, केंद्र को भेजा गया 211 करोड़ का प्रस्ताव

रीवा: मध्य प्रदेश में हुए कफ सिरप कांड के बाद राज्य सरकार अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर अब राज्य में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बुधवार को कहा कि सरकार ने हर जिले में दवा जांच प्रयोगशाला (ड्रग टेस्टिंग लैब) स्थापित करने का फैसला लिया है और इसके लिए 211 करोड़ रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश में फिलहाल भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में चार दवा परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं। अब इन चारों लैब को अत्याधुनिक मशीनों से अपग्रेड किया जाएगा, ताकि रिपोर्ट तेजी से और अधिक सटीकता के साथ मिल सके। उन्होंने कहा, "कफ सिरप कांड के बाद हमने यह तय किया है कि अब हर जिले में दवाओं की जांच की जाएगी। दवा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।"

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दिया है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद इस योजना पर तुरंत काम शुरू किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हर जिले में एक ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाएगी, जो दवाओं की गुणवत्ता, उत्पादन और बिक्री की नियमित जांच करेगा। इसके साथ ही हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का कार्यालय भी खोला जाएगा।

इस प्रयास से अब कोई भी घटिया या मिलावटी दवा बाजार में नहीं पहुंचेगी। हर जिले में जांच की जाएगी ताकि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन विभाग मिलकर इस योजना को लागू करेंगे। सभी लैब्स में आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जो कम समय में सटीक रिपोर्ट दे सकें।

इस योजना से न केवल दवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

कफ सिरप कांड के बाद मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद, राज्य में नकली और घटिया दवाओं पर रोक लगाना और भी आसान हो जाएगा।

 

 

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