JDU Leader Criticism : तेजस्वी यादव चुनाव हारे हैं और आगे भी हारते रहेंगे: राजीव रंजन

जदयू नेता बोले—तेजस्वी हार मानें, विपक्ष करे आत्ममंथन
तेजस्वी यादव चुनाव हारे हैं और आगे भी हारते रहेंगे: राजीव रंजन

पटना: जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को कहा कि जनता ने चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव को नकार दिया है। वे अभी हारे हैं और अगर हार की समीक्षा नहीं करेंगे तो भविष्य में चुनाव हारते रहेंगे।

जदयू नेता का यह बयान उस वक्त आया है, जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक इंटरव्यू के दौरान एनडीए की जीत को मशीनरी की जीत बताया। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाले तेजस्वी यादव को जनता ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका दी है। विधानमंडल का सत्र चल रहा हो और वे विदेश यात्रा पर चले जाएं, वहां बैठकर भारत के लोकतंत्र को गाली दें, निर्वाचन आयोग को गलत ठहराएं, इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला। उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि जनता उन पर भरोसा क्यों नहीं कर पाती।

वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर संसद में हो रही चर्चा को लेकर जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि यह नकारा नहीं जा सकता कि ‘वंदे मातरम’ भारतीय स्वाधीनता संग्राम का एक सुनहरा पन्ना है। यह मां भारती के यशस्वी पुत्रों के त्याग, तपस्या और बलिदान की गाथा है। जिस तरह हमारे वीरों ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अपने प्राण न्योछावर किए, उसी तरह ‘वंदे मातरम’ के जयघोष ने पूरे देश के युवाओं में स्वाधीनता की ललक जगाई थी। आज गर्व की बात है कि लोकसभा में इसके 150वें वर्ष पर चर्चा हो रही है। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि हम अपनी संस्कृति, अपने वीरों की कुर्बानी का स्मरण करें। स्वाधीनता संग्राम के इस खूबसूरत पन्ने को विवादों में न घसीटें।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को आत्ममंथन करना चाहिए। लगातार चुनाव हार रहे हैं, तो समझना होगा कि जनता एक स्थिर और लोकप्रिय सरकार चाहती है। खोखले वादों और भ्रम की राजनीति पर जनता अब विश्वास नहीं करती। जो पार्टी अपनी गलतियों से सबक नहीं लेती, वह पश्चिम बंगाल ही नहीं, कहीं भी चुनाव लड़ेगी तो हारेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि निशांत कुमार एक सुलझे हुए युवा हैं। इंजीनियर हैं, भविष्य में अच्छे राजनेता बन सकते हैं। युवाओं की भागीदारी राजनीति में बहुत जरूरी है। अगर वे सक्रिय राजनीति में आने का फैसला लेंगे, तो पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को खुशी होगी।

--आईएएनएस

 

 

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