तिरुवनंतपुरम: केरल में इडुक्की जिले के आदिमाली में भूस्खलन से एक घर ढह गया। मलबे में दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद आपातकालीन टीमों और स्थानीय निवासियों ने सात घंटे तक बचाव अभियान चलाया और घायल महिला को निकाला।
हादसा शनिवार रात लगभग 10:30 बजे हुआ। मृतक की पहचान बीजू के रूप में हुई है। हादसे के वक्त बीजू और संध्या घर में थे। उनके घर के पीछे की पहाड़ी का एक हिस्सा भारी बारिश के कारण ढह गया और घर पर आ गिरा।
भूस्खलन से चंद पलों में घर मलबे में तब्दील हो गया। बीजू और संध्या इस मलबे के बीच फंस गए। हादसे की सूचना मिलने के बाद फायर और रेस्क्यू सर्विस की टीमें और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। स्थानीय लोग भी बचाव में शामिल हुए और सभी ने मिलकर सात घंटे तक मलबे को हटाने में लगे रहे।
जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करके मलबे और मिट्टी की परतों को हटाया गया। कई घंटे की सावधानी भरी मेहनत के बाद बीजू और संध्या को मलबे से निकाला गया, लेकिन रेस्क्यू किए जाने के कुछ देर बाद बीजू ने दम तोड़ दिया। वहीं संध्या गंभीर रूप से घायल है। उसे तुरंत कोच्चि के राजागिरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बचाव कर्मियों ने बताया कि दोनों भारी कंक्रीट की बीमों और मलबे के बीच फंसे हुए थे। उन्हें एक-एक करके भारी स्लैब हटाने पड़े ताकि और मलबा गिरने का खतरा न बढ़े। मिट्टी के और खिसकने का खतरा बना हुआ था, इसलिए बचाव कार्य बहुत सावधानी से करना पड़ा।
स्थानीय लोग इस त्रासदी के लिए सड़क चौड़ी करने के लिए पास की पहाड़ी को तोड़ने को जिम्मेदार मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुदाई ने ढलान को कमजोर कर दिया था और लगातार बारिश ने भूस्खलन के हालात पैदा कर दिए। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना से पहले 22 परिवारों को सुरक्षित निकाल लेना एक बड़ी आपदा को रोकने में मददगार साबित हुआ।
भूस्खलन से पास के कई घर भी प्रभावित हुए। कई घरों के अंदर मिट्टी भर गई और दीवारें पूरी तरह टूट गईं। इसके बाद अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र को बंद कर दिया और भूस्खलन के कारणों की विस्तृत जांच शुरू की है।
