नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने बिहार चुनाव की 243 सीटों पर आए शुरुआती रुझानों पर कहा कि अगर विपक्ष एनडीए से मुकाबला करने की सोच रहे हैं तो उन्हें रणनीति बनाने की जरूरत है।
कांग्रेस नेता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैंने पहले ही इसकी भविष्यवाणी कर दी थी। जब भाजपा, जदयू, नौकरशाही, आरएसएस, असीमित धनबल और चुनाव आयोग एक साथ चुनाव लड़ने आते हैं तो आपको यही परिणाम मिलता है।
उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान के बाद यूपी-बिहार से लोगों को बिहार भेजा गया था। ब्यूरोक्रेसी पर दबाव बनाया गया। राशिद अल्वी ने कहा कि चुनाव परिणाम आने से पहले भाजपा ने बिहार में लड्डू बनाने शुरू कर दिए, उन्हें कैसे मालूम था कि शुरुआती रुझान ऐसे आएंगे या फिर सरकार आने वाली है?
उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि एनडीए से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को सोचना पड़ेगा कि क्या रणनीति बनानी होगी, नहीं तो देश का लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।
वहीं, कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा कि सच को स्वीकार करना होगा। बिहार की जनता जो भी फैसला करेगी, हम उसे स्वीकार करेंगे। अगर बिहार की जनता दोबारा एनडीए की सरकार बनाती है, तो हमें उसे स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है। मैं कहना चाहता हूं कि जिस तरह हमने चुनाव में मेहनत की, महागठबंधन ने भी मेहनत की। हमें बिहार की जनता का प्यार, स्नेह और सम्मान मिला। सभी जाति-धर्म के लोगों ने हमारा सम्मान और आदर किया। उस सम्मान के लिए मैं एक बार फिर सभी बिहारवासियों का हृदय से धन्यवाद करता हूं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों पर कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा, 'अगर आप मुझसे वोट चोरी के बारे में पूछेंगे तो मैं आपको अभी दो-तीन वीडियो दिखा सकता हूं। आपने देखा होगा कि सासाराम में क्या हुआ, वो वीडियो भी वायरल हुआ था। चुनाव के दौरान मेरे क्षेत्र का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें दिखाया गया था कि कैसे व्यवस्थाओं में हेराफेरी की गई। हमारे नेता राहुल गांधी ने बेबुनियाद दावे नहीं किए, और न ही हमने। अगर आप चाहें तो मैं आपको अभी सबूत भी दिखा सकता हूं।'
वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि यहां महाराष्ट्र और हरियाणा से भी ज्यादा धोखाधड़ी हुई है। किसी ने इस स्तर पर हेरफेर की उम्मीद नहीं की थी। मैं इसे एसआईआर की जीत मानता हूं। उन्होंने कहा कि यह एनडीए की नहीं, बल्कि एसआईआर और चुनाव आयोग की जीत है। वोट चुराए गए। बिहार में हमने अंत तक आपत्ति जताई, लेकिन चुनाव आयोग ने लिखित में नहीं दिया। ऐसे में नतीजे ऐसे ही आने थे।
--आईएएनएस
