BWC 50 Years Conference : बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन के 50 साल पूरे : नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

भारत में बीडब्ल्यूसी के 50 साल पर वैश्विक बायो-सिक्योरिटी सम्मेलन शुरू
बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन के 50 साल पूरे : नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

नई दिल्ली: जैविक हथियारों पर रोक लगाने वाले कन्वेंशन (बीडब्ल्यूसी) के लागू होने की 50वीं सालगिरह पर विदेश मंत्रालय ने सोमवार को नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू किया।

इसका विषय ‘बीडब्ल्यूसी के 50 साल: ग्लोबल साउथ के लिए बायोसिक्योरिटी को मजबूत करना’ है। सम्मेलन में 80 से ज्यादा देशों के वैज्ञानिक, नीति-निर्माता, राजनयिक, संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधि तथा भारतीय शिक्षाविद् और उद्योग जगत के लोग शामिल हुए।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भारत के मजबूत नॉन-प्रोलिफरेशन रिकॉर्ड को दोहराया और बीडब्ल्यूसी को पूरी तरह और प्रभावी ढंग से लागू करने की भारत की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती विज्ञान-तकनीक ने जैविक हथियारों से जुड़ी नई चुनौतियां पैदा की हैं, इन पर मिलकर सोचना होगा।

उन्होंने भारत के प्रस्तावित नेशनल इम्प्लीमेंटेशन फ्रेमवर्क की जानकारी दी, जिसमें खतरनाक जैविक एजेंट्स की पहचान, डुअल-यूज रिसर्च की निगरानी, घरेलू रिपोर्टिंग, आपात स्थिति प्रबंधन और निरंतर ट्रेनिंग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यूएनएससी रेजोल्यूशन 1540 के तहत भारत हर साल आईटीईसी फेलोशिप और कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम चलाता है, जो ग्लोबल साउथ के देशों की मदद करता है।

डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि भारत “बायो-सिक्योर भारत” की कल्पना कर रहा है जो आत्मनिर्भर भारत और विजन 2047 के साथ वन हेल्थ, बायो-डिफेंस और बायो-इकोनॉमी को जोड़ेगा। इसका मकसद ग्लोबल साउथ के साथ मिलकर “बायो-सिक्योर वर्ल्ड” बनाना है।

प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रो. अजय कुमार सूद ने बताया कि भारत इंटीग्रेटेड नेशनल वन हेल्थ मिशन को सबसे ऊपर प्राथमिकता दे रहा है। यह पूरा-सरकार और पूरा-समाज वाला ढांचा है, जो इंसान, पशु, वन्यजीव और पर्यावरण की सेहत को एक साथ जोड़ता है।

संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल इज़ुमी नाकामित्सु ने वीडियो संदेश में भारत को सम्मेलन आयोजित करने और बीडब्ल्यूसी को लंबे समय से समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।

डॉ. जयशंकर ने सम्मेलन में लगी प्रदर्शनी का दौरा भी किया जिसमें डीआरडीओ, आईसीएमआर, सीएसआईआर, बायोटेक्नोलॉजी विभाग-बीआईआरएसी, पशुपालन विभाग और निजी कंपनियों ने भारत की बायो-सर्विलांस, डायग्नोस्टिक्स, वैक्सीन और डिजिटल तकनीक की ताकत दिखाई। वैक्सीन मैत्री पहल के जरिए महामारी में दूसरे देशों को दी गई मदद को भी खासतौर पर पेश किया गया।

--आईएएनएस

 

 

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