Old Vehicle Ban Delhi: ऑटो कंपनियों से भाजपा सरकार की मिलीभगत, मिडिल क्लास को गाड़ियां खरीदने को मजबूर कर रही : मनीष सिसोदिया

आप ने पुरानी गाड़ियों पर बैन को बताया जनविरोधी, बीजेपी पर लगाया ऑटो कंपनियों से साठगांठ का आरोप
ऑटो कंपनियों से भाजपा सरकार की मिलीभगत, मिडिल क्लास को गाड़ियां खरीदने को मजबूर कर रही : मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली:  दिल्ली की सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाने से संबंधित भाजपा सरकार के आदेश पर आम आदमी पार्टी (आप) ने तल्ख टिप्पणी की। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह फैसला भाजपा और ऑटो कंपनियों के बीच सांठगांठ का परिणाम है। ऑटो कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा दिल्ली के 61 लाख मीडिल क्लास को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। जबकि, इनमें से कई गाड़ियां बहुत कम चली हैं और प्रदूषण भी नहीं कर रहीं हैं, लेकिन बीजेपी सरकार उनको खराब बताकर स्क्रैप करने को कह रही है।

उन्होंने कहा कि फुलेरा की पंचायत वाली सरकार के इस फैसले से सिर्फ वाहन निर्माता कंपनियों, स्क्रैप डीलर, हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा। हमारी मांग है कि सरकार पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर तेल नहीं देने के जनविरोधी आदेश तुरंत वापस ले।

पंचायत वेब सीरीज का जिक्र करते हुए सिसोदिया ने कहा कि इस सीरीज में साम, दाम, दंड, भेद और झूठ बोलकर, साजिशें करके, लोगों को बदनाम करके फुलेरा की नई पंचायत बनती है। दिल्ली सरकार भी फुलेरा की नई पंचायत की तरह व्यवहार कर रही है। साम, दाम, दंड, भेद करके, एजेंसीज और पुलिस का दुरुपयोग करके इन्होंने फुलेरा की नई पंचायत बना ली।

उन्होंने कहा कि इनके साथ समस्या यह है कि इनको सरकार नहीं चलानी आती है। इसलिए ये कुछ भी आदेश दे रहे हैं और सरकारों का फायदा उठाने वाली ताकतें सरकार चला रही हैं।

मनीष सिसोदिया ने 61 लाख वाहन मालिकों के दर्द को साझा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार (फुलेरा की नई पंचायत) ने दिल्ली के लोगों के लिए उनकी कार, मोटरसाइकिल चलाना मुश्किल कर दिया है। फुलेरा की नई पंचायत वालों का आदेश आया है कि 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा। बहाना प्रदूषण का है, लेकिन निशाना दिल्ली के आम आदमी को लूटने का है। दिल्ली में 18 लाख कारें और 41 लाख बाइक हैं। कुल 61 लाख परिवारों के वाहन पर भाजपा सरकार के इस फैसले की वजह से गाज गिर रही है।

उन्होंने कहा कि वाहन मालिक आज खून के आंसू रो रहे हैं। क्योंकि उनकी गाड़ी ठीक है, गाड़ी को मेंटेन करके रखी हुई है। बहुत सारी गाड़ियां 20 हजार किलोमीटर भी नहीं चली है। लोगों ने इन गाडियों के प्रदूषण कंट्रोल के मानदंडों को मेंटेन करके रखा हुआ है। लेकिन, फुलेरा की नई पंचायत का आदेश है कि अब इन गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। अब ये लोग नई कार या बाइक खरीदें। बीजेपी की सरकार दिल्ली के 61 लाख परिवारों को नई कार या बाइक खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। पुरानी बाइक या कार घर में रखने नहीं देंगे।

मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के लोगों की तरफ से सरकार से अनुरोध किया कि दिल्लीवालों ने आपकी सरकार बनाई है, इस तरह से उनको खून के आंसू मत रूलाइए। भाजपा कभी प्राइवेट स्कूल वालों के गले में बांहें डालकर उनकी फीस बढ़वा देते हैं। कभी ऑटो मोबाइल कंपनियों के गले में बांहें डालकर नई कार खरीदने के लिए तुगलकी फरमान जारी करते हैं। इस आदेश को वापस लिया जाए।

 

 

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