पारा लुढ़का, 426 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग पर सफर करना मुश्किल

 Manali-Leh route

मनाली: बारालाचा, शिंकुला व कुंजम दर्रों में पारा लुढ़का गया है। लेकिन सुबह व शाम सफर जोखिम भरा हो रहा है। मनाली-लेह मार्ग सहित दारचा-शिंकुला-पदुम व ग्रांफू-समदो मार्ग पर सफर करने वाले राहगीरों पर मौसम के बदलते तेवर कभी भी भारी पड़ सकते हैं। लाहुल स्पीति पुलिस ने सरचू से चेकपोस्ट हटा ली है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का अस्थाई ट्रांजिट कैंप लेह-मनाली मार्ग पर सफर करने वालों का सहारा बना हुआ है। लेह मार्ग पर सफर करने वालों को अब मौसम का विशेष ध्यान रखना होगा। 426 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर मनाली के दारचा से लेह के उपसी तक का सफर जोखिम भरा होगा। हालात को देखते हुए लाहुल स्पीति प्रशासन ने दर्रों को आर-पार करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है।

मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग तथा दारचा-शिंकुला सड़क सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक तथा कोकसर-लोसर-काजा राजमार्ग सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला रखा है। पुलिस ने शिंकुला, कुंजम व बारालाचा दर्रे में संभलकर सफर करने की सलाह दी है। वाहन चालक ने बताया कि वे काफिले में सफर को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि एक-दूसरे की मदद की जा सके। एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि निर्धारित समय के भीतर मनाली-लेह, दारचा-शिंकुला, कोकसर-लोसर काजा-राजमार्ग पर सफर करें। पांगी किलाड़ राजमार्ग भी सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला है। वाहन चालक दर्रों को पार करती बार समय का ध्यान रखें। मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही सफर करें।




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