दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे को हर मोर्चां पर पटखनी देते नजर आए एकनाथ शिंदे

Eknath Shinde-Uddhav Thackeray-Dussehra rally

भीड़ से लेकर ठाकरे परिवार में सेंधमारी कर दिखाई ताकत 

मुंबई: देश भर में दशहरा उत्सव पर रावण दहन किया गया, लेकिन महाराष्ट्र की सियासत में यह शिवसेना के दो धड़ों के बीच पावर शो बन गया था। उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने से लेकर एक-दूसरे के लोगों को तोड़ने की होड़ दिखाई दी। हालांकि रेस में एकनाथ शिंदे बढ़त बनाते दिखाई दिए हैं। यहां तक कि ठाकरे गुट ने माना है कि शिंदे की रैली में ज्यादा लोग थे। लेकिन उन्होंने कहा कि शिंदे जब तक बोलने के लिए खड़े हुए थे, तब तक आधे से ज्यादा लोग निकल चुके थे। ठाकरे गुट का दावा है कि शिवाजी पार्क में हुई उनकी रैली में 2.5 लाख लोग पहुंचे, जबकि बीकेसी ग्राउंड में शिंदे गुट की रैली में 3 लाख लोग पहुंचे।

वहीं महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि 1 लाख लोग ठाकरे की रैली में थे, जबकि सीएम शिंदे के आह्वान पर 2 लाख लोगों ने शिरकत की। शिवाजी पार्क में 80 हजार लोगों की क्षमता है, जबकि बीकेसी मैदान में 1 लाख लोगों का जुटान हो सकता है। इसके बाद पुलिस का दावा सत्य के ज्यादा करीब नजर आ रहा है। सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे की फैमिली में भी बड़ी सेंध लगा दी है। इससे शिंदे ने यह संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी ही नहीं बल्कि ठाकरे परिवार भी एकजुटता के साथ उद्धव के साथ खड़ा नहीं है। शिंदे के मंच पर उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे भी दिखे। इसके अलावा उनकी पत्नी स्मिता ठाकरे और बेटे निहार ठाकरे भी मुख्यमंत्री के मंच पर नजर आए।

इस तरह ठाकरे परिवार के ही कई सदस्य शिंदे के मंच पर मौजूद थे। आनंद दिघे को एकनाथ शिंदे अपना गुरु मानते रहे हैं और उनकी बहन को भी शिंदे ने मंच पर बुलाया था। जयदेव ठाकरे को एकदम बगल में बैठाकर एकनाथ शिंदे ने यह संदेश देने की कोशिश कि ठाकरे परिवार में आज भी उनकी पूरी पैठ है। इस दौरान मंच से जयदेव ठाकरे ने शिंदे की जमकर तारीफ कर उन्हें किसान की तरह मेहनती बताया। उन्होंने कहा कि मुझे कई दिनों से कॉल आ रही थी कि मैं यहां आऊं। मैं किसी गुट में शामिल नहीं होना चाहता था, लेकिन यहां आया हूं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे बहुत मेहनती हैं। हमें उन्हें अकेला नहीं छोड़ना है। 

एकनाथ शिंदे ने इस दौरान ठाणे कार्ड भी चला। आनंद दिघे की बहन अरुणा गडकरी से अपने गुरु के साथ संबंधों को याद करते हुए शिंदे ने कहा कि वह हमेशा चाहते थे कि एक दिन सीएम ठाणे से बने। इस रैली में एकनाथ शिंदे ने स्मिता ठाकरे और जयदेव के बेटे निहार को भी मंच पर बिठाया। उन्होंने कहा कि मेरे पास आज भी ठाकरे परिवार का साथ है। यही नहीं उद्धव ठाकरे के करीबी रहे थापा को भी शिंदे ने मंच पर जगह दी।





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