नई दिल्ली: शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत को 17 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।
अदालत परिसर में मीडिया से बात करते हुए संजय राऊत ने चुनाव आयोग के आदेश पर कहा कि हो सकता है कि नया चुनाव चिन्ह शिवसेना में क्रांति ला दे। यह पहली बार नहीं है, पहले इंदिरा गांधी भी ऐसे ही हालात से गुज़री थीं। कांग्रेस का चुनाव चिन्ह तीन बार फ्रीज किया गया, जबकि जनता दल का चुनाव चिन्ह भी फ्रीज किया गया। नाम में क्या है। शिवसेना का चुनाव चिन्ह आयोग भले ही फ्रीज कर दे, शिवसेना वही है।
संजय राऊत ने कहा कि अंधेरी ईस्ट उपचुनाव से पहले शिंदे गुट को इतनी आसानी से धनुष और पार्टी का नाम नहीं मिलेगा। सबसे महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा गुस्सा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ है।
बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि पात्रा चॉल पुन: विकास परियोजना से जुड़े धन शोधन में नेता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ‘पर्दे के पीछे' रह काम किया है। राज्यसभा सदस्य को इस मामले में जुलाई में गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। उन्होंने विशेष पीएमएलए (धन शोधन निषेध कानून) अदालत में जमानत की अर्जी दी है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राउत की इस दलील को खारिज किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक बदले के रूप में की गई है।