पीएलआई योजना के चलते भारत बना हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्यातक

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नई दिल्ली: भारत हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। अब देश से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के लिए उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्यात शुरू हो गया है। केंद्रीय रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, सब-असेंबली और कैपिटल उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आगे उन्होंने लिखा, कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में नए आयाम छू रहा है और अब वैश्विक स्तर पर हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात कर रहा है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को गति देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना और मेक इन इंडिया पहल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। घरेलू उत्पादन बढ़ा, जिससे आयात पर निर्भरता घटी। भारतीय मैन्युफैक्चरर्स अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हाल ही में मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वदेशी लैपटॉप का प्रदर्शन किया था, जो देश की मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन क्षमता को दर्शाता है। तेजी से बढ़ रहा है भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर आईटी हार्डवेयर पीएलआई 2.0 योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ। इस योजना से केवल 18 महीनों में 3,900 नौकरियां उत्पन्न हुईं। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014 में 2.4 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024 में 9.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भी बूम आया है, अब देश में उपयोग होने वाले 98% मोबाइल फोन घरेलू स्तर पर बनाए जा रहे हैं। वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर भारत भारत का हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्यात शुरू करना यह दर्शाता है कि देश अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक प्रमुख निर्माता भी बन चुका है। पीएलआई और अन्य सरकारी योजनाओं के चलते भारत वैश्विक बाजार में मजबूत प्रतिस्पर्धी बन रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में यह उछाल मेड इन इंडिया को एक नई पहचान दे रहा है। भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति और पीएलआई योजना का सकारात्मक असर दिखने लगा है। हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात शुरू होने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में एक बड़ा कदम मिलेगा।


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