चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने की होड़, भारत पहले ही रच चुका है इतिहास

नासा के डॉ फॉक्स ने कहा- चंद्रमा विज्ञान के लिए एक अविश्वसनीय जगह
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने की होड़, भारत पहले ही रच चुका है इतिहास

फ्लोरिड: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने की होड़ लगी है, जहां स्थायी रूप से छायादार लुनार क्रेटरों में बर्फ हो सकती है। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव भविष्य के क्रूड आर्टेमिस मिशनों और रोबोटिक खोजों के लिए रहस्यों से भरा डेस्टिनेशन है, लेकिन ब्लू घोस्ट और इसके साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स का उद्देश्य कहीं और उतरना था, ऐसा नासा के साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. निकोला फॉक्स ने कहा। बता दें कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का कारनामा भारत कर चुका है। अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। डॉ फॉक्स ने कहा कि चंद्रमा विज्ञान के लिए एक अविश्वसनीय जगह है। हम हर बार एक ही जगह नहीं जाना चाहते क्योंकि हम चंद्रमा के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं। यह छुट्टी पर जाने जैसा है। आप हर बार एक ही जगह नहीं जाना चाहेंगे। जैसे ही हम अंतरिक्ष यात्रियों को वापस भेजने की तैयारी कर रहे हैं, हम यह तय करना चाहते हैं कि हम सभी चांद के सभी क्षेत्रों को समझें, और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसका अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन हम यह भी देख रहे हैं कि सबसे दिलचस्प क्षेत्र कहां और कौन सा है। उन्होंने बताया कि ब्लू घोस्ट पर सवार 10 इंस्ट्रूमेंट्स एक सूट की तरह हैं, जो उस क्षेत्र के लिए पूरी तरह से चुने गए हैं जहां हम जा रहे हैं। ब्लू घोस्ट मिशन एक प्राचीन ज्वालामुखीय फीचर के पास उतरा जिसे मॉन्स लाट्रेल कहा जाता है, जो चंद्रमा के नजर आने वाले चेहरे के सुदूर पूर्वी किनारे पर भूमध्य रेखा के ठीक उत्तर में स्थित है। डॉ फॉक्स ने कहा कि आप जानते हैं कि आपकी डिलीवरी सर्विस, आप वह जगह चुनते हैं जहां आप अपना पैकेज भेजना चाहते हैं, और हमने फायरफ्लाई के साथ यही किया। फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट चंद्र लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा के मैरे क्रिसियम क्षेत्र में उतरा। यह मिशन 15 जनवरी, 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपण के साथ शुरू हुआ और रविवार को सटीक लैंडिंग के साथ खत्म हुआ। फायरफ्लाई स्पेस, टेक्सास स्थित एक अमेरिकी निजी क्षेत्र की एयरोस्पेस फर्म है, जो अंतरिक्ष वाहनों के डिजाइन, निर्माण और प्रक्षेपण संचालन से संबंधित है। नासा के मुताबिक कर्मशियल कंपनी के ब्लू घोस्ट चंद्र लैंडर ने नासा के 10 वैज्ञानिक उपकरण और तकनीकी डेमो को सुरक्षित रूप से चंद्रमा पर पहुंचा दिया है। नासा के मुताबिक ब्लू घोस्ट के मिशन के दौरान, एजेंसी के वैज्ञानिक उपकरणों का लक्ष्य चंद्र उपसतह ड्रिलिंग टेक्नोलॉजी, रेगोलिथ नमूना संग्रह क्षमताओं, ग्लोबल नेविगेशन उपग्रह प्रणाली क्षमताओं, विकिरण सहनशील कंप्यूटिंग और चंद्र धूल शमन विधियों का परीक्षण और प्रदर्शन करना है। कैप्चर किए गए डाटा से धरती पर मनुष्यों को भी लाभ हो सकता है, क्योंकि इससे यह पता चल सकता है कि अंतरिक्ष का मौसम और अन्य ब्रह्मांडीय ताकतें धरती को कैसे प्रभावित करती हैं।

Related posts

Loading...

More from author

Loading...