ब्लू घोस्ट लैंडर चांद पर उतरा, चांद की सतह पर उगते सूरज की भेजी तस्वीर

अमेरिका की प्राइवेट कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का चंद्रयान ब्लू घोस्ट लैंडर 2 मार्च को चांद की सतह पर उतरा दिया
ब्लू घोस्ट लैंडर चांद पर उतरा, चांद की सतह पर उगते सूरज की भेजी तस्वीर

टेक्सास: अमेरिका की प्राइवेट कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का चंद्रयान ब्लू घोस्ट लैंडर 2 मार्च को चांद की सतह पर उतरा दिया। वहां से इसने चांद की सतह पर उगते सूरज की शानदार तस्वीरें भेजी है, जिसे फायरफ्लाई ने एक्स पर पोस्ट की है। बता दें कि ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ के अंतरिक्ष यान को भी बीते बुधवार को चंद्रमा की यात्रा के लिए प्रक्षेपित किया था। इस यान का लक्ष्य ड्रोन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘जेट-ब्लैक क्रेटर’ के करीब पहुंचना है। चंद्रमा के इस हिस्से पर सूरज की रोशनी नहीं पड़ती है। ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ के अंतरिक्ष यान का नाम ‘एथेना’ है। यान को नासा के ‘कैनेडी स्पेस सेंटर’ से निजी अमेरिकी वांतरिक्ष और अंतरिक्ष परिवहन सेवा कंपनी ‘स्पेसएक्स’ ने प्रक्षेपित किया। इससे पहले कभी भी इतने सारे अंतरिक्ष यान एक साथ चंद्रमा पर नहीं पहुंचे थे। पिछले महीने, अमेरिका और जापान की कंपनियों ने एक ही रॉकेट की मदद से अपने-अपने चंद्रयान को प्रक्षेपित किया था। टेक्सास स्थित ‘फायरफ्लाई एयरोस्पेस’ का चंद्रयान भी इस दौड़ में शामिल है। नासा अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर फिर से भेजने की तैयारी कर रहा है। नासा के विज्ञान मिशन की प्रमुख ने प्रक्षेपण से कुछ घंटे पहले कहा था कि यह एक अद्भुत समय है। वैज्ञानिकों में जोश है। अंतरिक्ष प्रणालियों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि निश्चित रूप से हम इस बार पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे लेकिन आप कभी नहीं जान सकते कि क्या हो सकता है। पिछले कुछ दशकों में केवल पांच देश ही चंद्रमा पर उतरने में सफल हुए हैं जिनमें रूस, अमेरिका, चीन, भारत और जापान हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डा वी नारायणन ने कहा कि ‘मानव मिशन’ के तहत 2040 में चांद पर भारतीय कदम रखेगा। नारायणन ने उत्तराखंड के रुड़की स्थित आईआईटी में इस आशय की घोषणा की। इस कॉन्फ्रेंस में दक्षिण कोरिया, कैलिफोर्नियायू एस ए, नीदरलैंड, कनाडा जैसे कई देशो से वैज्ञानिक शामिल हुए। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी चांद की सतह पर भारतीय नागरिक के पहुंचने को लेकर बेहद उत्साहित है। इसरो इसके लिए प्रयास कर रहा है। साथ ही 2030 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित कर लेगा।

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