वाशिंगटन: वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट के दौरान भारत का गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने का ढंग बेहद अनूठा है। अन्य देशों को भी भारत की ही तरह व्यापक सब्सिडी देने के बजाय लक्षित सीधे कैश ट्रांसफर करना चाहिए। वर्ल्ड बैंक की ओर से मालपास ने बुधवार को एक शोध 'पावर्टी एंड शेयर्ड प्रास्पेरिटी' की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि गरीबी घटने की वैश्विक प्रगति के दौर के आखिर में कोविड-19 जैसी महामारी आई।
-गरीबों को चुकानी पड़ी बड़ी कीमत
रिपोर्ट में कहा की पिछले तीन दशकों के दौरान एक अरब से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी से उभरे है। सबसे गरीब देशों की आय को भी मजबूत आधार मिला है, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 आने से सबसे गरीब लोगों को सबसे भारी कीमत चुकानी पड़ी है। गरीब देशों में गरीबी बढ़ने से जाहिर होता है कि उनकी अर्थव्यवस्था अधिक अनौपचारिक, सामाजिक सुरक्षा प्रणाली भी बहुत कमजोर होने के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली भी कम विकसित है।
-भारत सरकार का अभूतपूर्व कार्य
इसके बावजूद कई विकासशील देशों ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। मालपास ने कहा कि भारत ने डिजिटल कैश ट्रांसफर के जरिये 85 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को भोजन और नकद देकर उल्लेखनीय मदद दी है। भारत ने यह सुविधा 69 प्रतिशत आर्थिक रूप से बहुत कमजोर शहरी लोगों को देकर अभूतपूर्व कार्य किया है।