वाशिंगटन: अमेरिका में अब यहूदी-विरोधी मानी जाने वाले कंटेंट पोस्ट करने वाले लोगों को वीजा या निवास से वंचित किया जा सकता है। अगर आप सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट करते हैं तो अमेरिका बगैर वार्निंग दिए आपका वीजा रद्द कर देगा। इसकी पुष्टि खुद अमेरिकी नागरिकता आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने की है। सोशल मीडिया अब वीजा से जुड़े फैसलों को प्रभावित कर सकती है। डीएचएस ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका में आतंकवादी समर्थकों के लिए कोई जगह नहीं है, और हम उनको अमेरिका में आने या यहां रहने की अनुमति देने के लिए बाध्य नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट में यूएससीआईएस के मुताबिक यहूदी-विरोधी पोस्ट के नाम पर सोशल मीडिया गतिविधि पर भी लगाम लगाई जाएगी। इनमें हमास, लेबनान के हिज्बुल्लाह और यमन के हूती विद्रोहियों जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाली पोस्ट शामिल हैं। इन सबको अमेरिका आतंकवादी संगठन मानता है। बयान में कहा गया है कि यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस यानी अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा लाभ का निर्धारण करते समय सोशल मीडिया की उन सामग्रियों को नकारात्मक कारक मानेगा, जो यह दर्शाती है कि कोई विदेशी व्यक्ति यहूदी-विरोधी आतंकवाद, यहूदी-विरोधी आतंकवादी संगठनों या अन्य यहूदी-विरोधी गतिविधियों का समर्थन, प्रचार या समर्थन कर रहा है। यह नीति तुरंत लागू होती है और संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए स्टूडेंट वीजा और परमानेंट रेजिडेंट ‘ग्रीन कार्ड’ के लिए किए गए अनुरोधों पर लागू होगी। यह आधिकारिक बयान ऐसे वक्त में आया है, जब ट्रंप प्रशासन ने पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका के अंदर सैकड़ों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का वीजा रद्द कर दिया है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मार्च में कहा था कि उन्होंने करीब 300 लोगों के वीजा रद्द कर दिए हैं और रोजाना ऐसा कर रहे हैं। रुबियो ने कहा कि गैर-अमेरिकी नागरिकों के पास अमेरिकियों के समान अधिकार नहीं हैं और यह उनके विवेक पर है, न कि जजों के कि वे वीजा जारी करें या अस्वीकार करें।