वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैरिफ नीतियों ने पूरे विश्व ही नहीं अमेरिका में भी उथल-पुथल मचा दी है। कड़े आयात करों (टेरिफ़) ने अमेरिका में सामान की कीमतों को बढ़ा दिया है। लाखों लोगों को नौकरियां से निकालना, रोजगार के नुकसान की चिंता पैदा कर दी है, इसलिए अमेरिका में बड़े राजनीतिक और सार्वजनिक मुद्दे पैदा हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की मनमानी से रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के सांसद नाराज हैं। संभावना जताई जा रही है, ट्रंप के खिलाफ तीसरी बार महाभियोग लाया जा सकता है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप अकेले ऐसे राष्ट्रपति हैं। जिन्हें अमेरिका के 248 साल के राजनीतिक इतिहास में दो बार महाभियोग का सामना करना पड़ा है। पहली बार उनके खिलाफ 2019 और दूसरी बार 2021 में महाभियोग लाया गया था।
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अभी कोई आधिकारिक महाभियोग प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। कई कांग्रेस सदस्यों ने ट्रम्प पर राजनीतिक लाभ के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। ट्रम्प की गतिविधियों के प्रबल समर्थकों और आर्थिक नुकसान की चेतावनी देने वाले विरोधियों ने एक बार फिर ट्रंप की नीतियों को लेकर विभाजित कर दिया है।
ट्रम्प के राजनीतिक करियर से परे, यह विषय अमेरिकी लोकतंत्र की स्थिति और कानूनी प्रक्रियाओं की सराहना करने की आवश्यकता के बारे में बड़ी चिंताएं पैदा करता है।
डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलें एक बार फिर चर्चा में हैं। उनकी नई टैरिफ नीतियों के कारण इस बार उन पर महाभियोग की प्रक्रिया चल सकती है। वाशिंगटन में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसद ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों से काफी नाराज हैं। कई सांसदों का मानना है, ट्रम्प की हरकतें अवैध हो सकती हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली हैं। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य और डेमोक्रेटिक नेता अल ग्रीन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाने की कसम खाई है। टेक्सास के 9वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट के प्रतिनिधि सभा ने बहुचर्चित टैरिफ के बीच रिपब्लिकन ट्रंप के खिलाफ तीखा हमला किया है। कांग्रेस के सदस्य ग्रीन राष्ट्रपति ट्रंप के मुखर विरोधी हैं। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान रिपब्लिकन के खिलाफ महाभियोग के लेख दायर किए थे। वाशिंगटन डीसी में एक रैली को संबोधित करते हुए ग्रीन ने कहा कि विपक्ष को एक ऐसे सीनेट की आवश्यकता है।जो राष्ट्रपति ट्रम्प को दोषी ठहरा सके।
ट्रंप की टैरिफ नीतियां अमेरिका की अर्थव्यवस्था और वैश्विक संबंधों पर भारी पड़ रही हैं
ट्रम्प के प्रस्तावित टैरिफ कार्यक्रम में कई देशों से आयातित वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाया गया है। यह टैरिफ अमेरिकी व्यवसायों और रोजगार की सुरक्षा के लिए ट्रंप आवश्यक बता रहे हैं। ट्रम्प का कहना है,इन शुल्कों के बिना अमेरिकी व्यवसाय और श्रमिकों को रोजगार मे प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह शुल्क अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। भोजन, कपड़े और प्रौद्योगिकी सहित दैनिक वस्तुओं की कीमतें अब महगीं हो गई हैं। कुछ व्यवसायों के कर्मचारियों को नौकरी से निकालना पड़ा है। क्योंकि वे अधिक खर्च वहन नहीं कर सकते। व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए टैरिफ का इस्तेमाल करने का आरोप कम पर लगाया जा रहा है जिसमें इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप भी उनके ऊपर लगने लगा है।
ट्रम्प की नीतियों का विरोध करने वालों का आरोप है कि उन्होंने अतिरिक्त शुल्क लगाने से पहले सही कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी की है। उनका तर्क है कि उन्होंने व्यापार एवं आर्थिक विशेषज्ञों की सलाह की अवहेलना की है। वह कांग्रेस की अनुमति प्राप्त करने में असफल रहे हैं । कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्होंने राष्ट्र की भलाई के बजाय व्यक्तिगत राजनीतिक एवं आर्थिक लाभ के लिए टैरिफ प्राधिकरण का इस्तेमाल किया है। महाभियोग शुरू करने के लिए कांग्रेस उक्त कृत्यों को अधिकारों का दुरुपयोग मान रहे है। अगर प्रतिनिधि सभा ट्रंप के खिलाफ महाभियोग को मंजूरी दे देती है। इसके बाद यह मामला सीनेट के समक्ष सुनवाई के लिए लाया जाएगा। ट्रम्प ने अपने राजनीतिक भविष्य को खतरे में डाल दिया है। यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें पद से हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव के लिए पर्याप्त वोट मिलेंगे या नहीं।
अमेरिका में सांसद वोट डालने स्वतंत्र हैं। वहां विहिप जारी करने जैसी व्यवस्था नहीं है। सभी सांसद अपनी इच्छा के अनरूप मतदान कर सकते हैं।
ट्रंप के लिए सबसे परेशानी की बात यह है, उनके खिलाफ उनकी पार्टी के ही सांसद मुखर हो रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ महाभियोग लाया जाता है। तो पार्टी के सांसद भी उनके खिलाफ वोटिंग करने स्वतंत्र हैं। जिस तरह भारत में राजनीतिक पार्टियां व्हिप जारी कर अपने सदस्यों को बल के समर्थन या विरोध में वोटिंग करने के लिए निर्देश करते हैं। ऐसा नहीं करने पर भारत में उनकी सदस्यता समाप्त हो जाती है। अमेरिका के सांसद अपनी मर्जी से वोटिंग करने के लिए स्वतंत्र हैं।
एक साथ कई मोर्चे खोले ट्रंप ने
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के साथ ही एक साथ कई मोर्चे खोल रखे हैं न्यायपालिका से भी उनकी टसल चल रही है। डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी ने क्रिप्टो करेंसी लांच की है टैरिफ नीति को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप लग रहे हैं राष्ट्रपति बनने के बाद उनके परिवार के लोगों को बड़ा आर्थिक फायदा पहुंचा है उनकी नीतियों के कारण जिन लोगों के साथ उनके संबंध है सरकार की गोपनीयता को भंग करते हुए उनको आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें न्यायपालिका से सजा मिल चुकी है लेकिन राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाने के कारण उस सजा को स्थगित करके रखा गया है। जिस तरह की स्थितियां अमेरिका में बन रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे।जिनके खिलाफ तीसरा महाभियोग प्रस्ताव पेश होगा।इस बार जो स्थितियां बनी है। वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए घातक साबित हो सकती हैं। उनके विशेष सलाहकार एलन मस्क के खिलाफ जिस तरह के आंदोलन अमेरिका में चल रहे हैं। अमेरिका के 50 राज्यों में जिस तरह का विरोध देखने को मिल रहा है। उसके बाद यह संभावना व्यक्त की जा रही है। जल्द ही डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग आ सकता है। टैरिफ नीति को लेकर जिस तरह से 90 दिन के लिए बढ़े हुए टेरिफ़ को स्थगित करने का निर्णय लिया है। चीन को कुछ वस्तुओं के टैरिफ में छूट दी है। अमेरिकी शेयर बाजार में जो उथल-पुथल हुई है। उसको लेकर अब ट्रम्प बुरी तरह से घिर गए हैं।