नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकियों ने 26 निर्दोषों की हत्या कर दी। इस आतंकी हमले से पूरी दुनिया में गुस्सा है और लगभग सभी देशों ने भारत के साथ होने की सहमति दी है।
अमेरिका, इजरायल और रूस जैसे शक्तिशाली देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। सबने एक सुर में आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की बात कही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘वो हमला बहुत भयानक था। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि वे किसी ना किसी तरह इसका हल निकाल लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। वहां तनाव है, लेकिन ऐसा पहले भी होता रहा है। ट्रंप की यह प्रतिक्रिया भारत की कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत करती है।
इससे पहले, अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने भी भारत का साथ देने की बात की। उन्होंने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, हम पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए भयानक इस्लामी आतंकवादी हमले के मद्देनज़र भारत के साथ एकजुटता में खड़े हैं। मेरी प्रार्थनाएं उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। गबार्ड ने आगे कहा कि अमेरिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों के साथ खड़ा है, और वह इस हमले के दोषियों को सज़ा दिलाने के भारत के प्रयासों का समर्थन करती हैं।
धर्म पूछा और गोली मार दी
चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, फिर पहचान के आधार पर गोलियां बरसाईं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, हमले में लश्कर-ए-तैयबा की छाया इकाई टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) शामिल है। इस जघन्य वारदात के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की आपात बैठक में कई सख्त फैसले लिए गए हैं जिनमें सिंधु जल संधि की समीक्षा, पाकिस्तान से राजनयिकों की वापसी और पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों की संख्या कम करना शामिल है।