वाशिंगटन: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स विवादों में घिर गया है। इस हमले को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी खबर की हेडलाइन में लिखा, कश्मीर में उग्रवादियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मार दी। अखबार ने आगे बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गोलीबारी को एक ‘आतंकवादी हमला’कहा है और अपराधियों को न्याय के शिकंजे में लाने का संकल्प जताया है।
अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को मिलिटेंट्स (उग्रवादी) लिखा, जिसके बाद अमेरिकी संसद समिति ने इसकी कड़ी आलोचना की है। समिति ने अखबार पर आतंकवादियों की पहचान को बंदूकधारी या चरमपंथी जैसे शब्दों के पीछे छिपाने का आरोप लगाया। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी अखबार की इस शब्दावली को लेकर आलोचना हुई। कई यूजर्स ने इसे वामपंथी प्रचार करार देते हुए कहा कि अखबार आतंकवादियों को सही नाम देने से बच रहा है। इस घटना ने एक बार फिर न्यूयॉर्क टाइम्स की भारत से संबंधित रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए हैं। पहले भी अखबार पर भारत विरोधी रुख अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। इस पर अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन की विदेश मामलों की समिति ने कड़ा ऐतराज जताया। इसने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “अरे, न्यूयॉर्क टाइम्स हमने आपके लिए इसमें सुधार कर दिया है। यह स्पष्ट तौर पर एक आतंकवादी हमला था। चाहे वह भारत हो या इजरायल, जब आतंकवाद की बात आती है तो न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तविकता से दूर हो जाता है।पोस्ट में, विदेश मामलों की समिति ने एक तस्वीर शेयर की जिसमें शीर्षक में उग्रवादियों शब्द को काट कर उसके स्थान पर लाल रंग में बड़े अक्षरों में ‘आतंकवादी’शब्द लिखा है।