नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। अर्थव्यवस्था बदहाल है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकायत और अपील करने पर भी पाकिस्तान को फिलहाल कोई राहत नहीं मिल सकेगी। दरअसल विश्व बैंक की भूमिका केवल मध्यस्थता करने व सुझाव देने तक सीमित है। अन्य स्तरों पर मामला ले जाने पर भी समय लगेगा। इस बीच भारत की तरफ से धीरे-धीरे पानी का प्रवाह कम किया जाएगा, जिसका व्यापक असर पाकिस्तान पर पड़ेगा। दूसरी तरफ भारत जल्द ही बड़ी सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है।
बता दें कि पाकिस्तान को जाने वाली नदियों के प्रवाह में अभी ज्यादा अंतर नहीं आया है, लेकिन भारत ने इसे कम करना शुरू कर दिया है, जो आगे चलकर पाकिस्तान के लिए बड़ी दिक्कत पैदा करेगा। यही वजह है कि पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय अदालत व सिंधु जल समझौते के मध्यस्थ विश्व बैंक के सामने उठाने की तैयारी के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ में भी ले जा रहा है। इन तीनों ही स्तर पर मामला ले जाने पर वहां पर भी लंबे समय तक सुनवाई चल सकती है। इस बीच भारत की सैन्य कार्रवाई को अवश्यंभावी माना जा रहा है, जो इस जल समझौते की भावी स्थिति भी तय करेगी।