महाराष्ट्रः बावनकुले के प्रदेशाध्यक्ष पद पर ताजापोशी के मायने

Chandrashekhar Bawankule

सुधीर जोशी*

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में शुमार चंद्रशेखर बावनकुले को पिछले दिनों महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से चंद्रशेखर बावनकुले को टिकट न मिलने के बाद से ही लगातार यही कहा जा रहा था कि चंद्रशेखर बावनकुले को आने वाले दिनों में कोई बड़ा पद दिया जाएगा और हुआ भी यही। लगभग ढ़ाई वर्ष के अंतराल के बाद चंद्रशेखर बावनकुले को महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद प्राप्त हुआ है।विदर्भ भाजपा के एक महत्वपूर्ण चेहरे के रुप में ख्यात चंद्रशेखर बावनकुले ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को 200 सीटों पर जीत दिलाने के लक्ष्य को सामने रखा है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जो कभी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं, वे 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 124 सीटों पर जीत दिलवाई थी और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन चंद्रशेखर बावनकुले 200 सीटें जीतने के लक्ष्य को सामने रखकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। चंद्रशेखर बावनकुले ने बहुत ही मुश्किल लक्ष्य सामने रखा है, क्योंकि वर्तमान में भाजपा की जो हालत है, उसके आधार पर यह कहा जा रहा है कि भाजपा अपने बूते पर 100 सीट से ज्यादा जीतने की स्थिति में नहीं है। हालांकि विधानसभा चुनाव के साथ-साथ मुंबई मनपा चुनाव में भी अपना परचम लहराने की तैयारी की है, इसीलिए मुंबई भाजपा अध्यक्ष के रूप में आशीष शेलार की नियुक्ति की गई है। यह कहा जा रहा था कि आशीष शेलार का नाम कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए सामने लाया गया था, लेकिन चूंकि लक्ष्य सिर्फ मुंबई मनपा चुनाव न होकर आगामी विधानसभा चुनाव का भी था, लिहाजा किसी ऐसे नेता को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाने की रणमात् बनायी गई, जो अनुभवी हो और सर्व स्वीकार्य भी हो, इस लिहाजा से चंद्रशेखर बावनकुले के मजबूत कंधों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।

2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद किसी भी तरह की टिप्पणी न करके उसे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का फैसला करार देकर चंद्रशेखर बावनकुले ने जो संयम दिखाया था, उसके परिणामस्वरुप चंद्रशेखर बावनकुले को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले एक दशक में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर ओबीसी समाज के किसी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई थी, इसी बात को ध्यान में रखते हुए चंद्रशेखर बावनकुले को एक ओबीसी नेता के रूप सामने लाते हुए महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट काटे जाने के बावजूद पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए चंद्रशेखर बावनकुले की ओर से किए गए कार्यों के पुरस्कार के तौर चंद्रशेखर बावनकुले को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पर जैसा नायाब तोहफा मिला है।

बावनकुले को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कमान दिए जाने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें उक्त पद दिए जाने का जो सबसे बड़ा बताया जा रहा है, वह है एक सक्षम ओबीसी नेता होना। राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप कर भाजपा ने शीर्ष नेतृत्व ने उन पर जो भरोसा जताया है, उस भरोसे पर खरा साबित होना भी चंद्रशेखर बावनकुले के किसी चुनौती से कम नहीं है। चंद्रशेखर बावनकुले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी बताए जाते हैं।

कुछ राजनीतिक जानकारों का यह भी दावा है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर बावनकुले को टिकट न मिलने में देवेंद्र फडणवीस ने ही प्रमुख भूमिका निभाई थी। बताया जा रहा है कि उस वक्त बावनकुले की ओर से बरता गया संयम ही उन्हें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद की कुर्सी तक पहुंचाने में सक्षम रहा है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध तथा संगठन कौशल्य के बूते पर प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने वाले चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा के विदर्भ क्षेत्र के नेताओं में अच्छी पकड़ रखने वाले नेताओं में भी शुमार बताए जाते हैं। चंद्रशेखर बावनकुले के भाजपा के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी बड़े घनिष्ट संबंध हैं।

 कहा जा रहा है कि बावनकुले को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाने में नितिन गडकरी की भी अहं भूमिका रही है। कहा जा रहा है कि चंद्रशेखर बावनकुले के सामने महाराष्ट्र लोकसभा क्षेत्र की 45 सीटें जीतने का लक्ष्य भी रखा गया है। बावनकुले की उस कुर्सी पर ताजपोशी हुई है, जिस पर कभी नितिन गड़करी, देवेंद्र फडणवीस भी बैठ चुके हैं।

चंद्रशेखर बावनकुले भले ही विदर्भ क्षेत्र के दिग्गज भाजपा नेताओं में आते हों लेकिन उनकी पहचान भाजपा के राष्ट्रीय नेता से कम नहीं है। नितिन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस की तरह ही चंद्रशेखर बावनकुले का नाम भी विदर्भ के बड़े नेताओं में शुमार हैं। ऊर्जा मंत्री के रूप में राज्य के लोगों ने चंद्रशेखर बावनकुले के काम को देखा है, अब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के रूप में चंद्रशेखर बावनकुले का काम राज्य की जनता को देखने को मिलेगा। अब यह समय ही बताएगा कि चंद्रशेखर बावनकुले अपनी नई जिम्मेदारी को किस हद तक तक पूरा कर पाते हैं। नए प्रदेशाध्यक्ष के सामने जो लक्ष्य रखा गया है, वहां तक पहुंचना आसान नहीं है, लेकिन अगर बावनकुले दिए गए लक्ष्य के पचास प्रतिशत तक भी पहुंच गए तो उनकी ताकत पार्टी में काफी हद तक बढ़ जाएगी।

विदर्भ के ताकतवर मंत्रियों की सूची में चंद्रपुर क्षेत्र के सुधीर मुनगंटीवार का नाम भी शामिल है, अगर चंद्रशेखर बावनकुले के प्रदेशाध्यक्ष पर बने रहते भाजपा ने 2024 के विधानसभा चुनाव में 100 सीटें भी अपनी झोली में डाल ली तो चंद्रशेखर बावनकुले महाराष्ट्र भाजपा नेताओं की सूची में काफी ऊपर के पायदान पर पहुंच जाएंगे। चंद्रशेखर बावनकुले को ऐसे समय महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है, जब भाजपा में अंदरुनी तौर पर कलह की स्थिति है और शिवसेना के साथ उसके रिश्ते बहुत कटु हो गए हैं, इन सब परिस्थिति में भी अगर भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों का शतक मारने में सफल हो गई तो चंद्रशेखर बावनकुले का नाम महाराष्ट्र भाजपा के प्रथम पंक्ति नेताओं में शामिल तो होगा ही साथ ही उनकी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में भी उनकी अच्छी खासी पैठ बन जाएगी। चंद्रकांत पाटिल की जगह पर चंद्रशेखर बावनुकले को महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाने से यह साफ हो गया है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बावनकुले को बहुत भरोसा है, अब देखना यह है कि चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के भरोसे को किस हद तक पूरा कर पाने में कितने सफल ही हो पाते हैं।

—दैनिक हाक फीचर्स

*लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।



Related posts

Loading...

More from author

Loading...