मनसुख मांडविया*
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा कहते हैं कि जब 130 करोड़ देशवासी एक साथ एक कदम आगे बढ़ाते हैं तो पूरा देश 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है।
प्रधानमंत्री जी का समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में जनभागीदारी के प्रति अटूटविश्वास है। इस सामूहिक शक्ति और एकता की लहर से क्या हम नया भारत बना सकते हैं, जो 2025 में टीबी (क्षयरोग) मुक्त हो? प्रत्येक व्यक्ति का एक छोटा सा प्रयास भीएक‘जन-आंदोलन’को गति देता है। सरकार और जनता मिलकर जब कार्य करती है तो कोई भी अभियान शत-प्रतिशत सफल होता है। इसके उदाहरण हैं- स्वच्छ भारत अभियान, कोविड टीकाकरण अभियान और हाल ही में संपन्न ‘हर घर तिरंगा’ अभियान।
हम एक देश के तौर पर इसी सामूहिक जनभागीदारी के मंत्र के साथ ‘टीबी मुक्त भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं। जब विश्व ने दुनिया से टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 का लक्ष्य रखा,तब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसी सामूहिक जनभागीदारी में विश्वास रखते हुए भारत कोटीबी मुक्त करने के लिए दुनिया से पांच वर्ष पहले यानी कि वर्ष 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया। इसी लक्ष्य के संदर्भ में भारत सरकार ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नि-क्षय पोषण योजना की शुरुआत की। जिसमें 2018 से जून 2022 तक 62.71 लाख टीबी रोगियों को 1,651 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। इसमें डीबीटी के माध्यम से टीबी रोगियों को 500 रुपये कि राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाना भी शामिल है, जिससे उन्हें अपनी पोषक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है।
मैं इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश की माननीया राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल का उल्लेख भी करना चाहूँगा, जिन्होंने टीबी से पीड़ित मरीज़ों को गोद लेने का अभियान चलाया और उस अभियान को अपार सफलता मिली।
उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर टीबी के इस अभियान को आगे और मजबूती प्रदान करते हुए भारत सरकार ने‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’के तहत ‘नि-क्षय 2.0’ पोर्टल शुरू किया है। इस अभियान का शुभारंभ महामहिम राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने 9 सितंबर, 2022 को किया है।यह पोर्टल टीबी मरीजों को सामुदायिक सहयोग देने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा। इस पोर्टल पर जाकर समाज का कोई भी व्यक्ति या संस्था टीबी मरीजों की मदद ‘नि-क्षय मित्र’ बनकर कर सकता है।
इस अभियान का एक मुख्य भाग है टीबी मरीज़ों को गोद लेना। जिसका मूल उद्देश्य है कि हम समाज में टीबी मरीजों के प्रति प्रचलित भेदभाव को मिटा सके, टीबी से जूझ रहे लोगों के साथ हाथ मिलाना है, उनके लिए पोषण और सामाजिक समर्थन सुनिश्चित कर सकें तथा उनको सामान्य जीवन जीने में सहयोग कर सकें। टीबी मरीजों की सहायता हेतु ‘नि-क्षय 2.0’ पोर्टल (https:@@communitysupport-nikshay-in@/) पर लॉग-इन कर सामुदायिक सहयोग कर सकते हैं। इस पहल के तहत कोई भी व्यक्ति, सहकारी संस्थाएं, कॉर्पाेरेट जगत, गैर-सरकारी संगठन, राजनीतिक दल और जनप्रतिनिधि भीटीबी रोगियों को सहायता प्रदान करने के लिए गोद ले सकते हैं।
टीबी मरीजों कोतीन प्रकार से मदद की जा सकती है। पहली मदद,उनके पोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिए पोषण आवश्यकता अनुसार पौष्टिक खाद्य सामग्री एक पोषण किट के रूप में उपलब्ध कराना। दूसरी मदद, अतिरिक्त लैब आधारित जांच में सहायता देना। तीसरा सहयोग, टीबी मरीजों को रोजगार प्राप्त करने के लिए जरूरी व्यवसायिक कौशल वर्धन द्वारा उनका क्षमता निर्माण करके रोजगार देने के लिए आगे आना। भारत के किसी भी जिले या ब्लॉक में टीबी रोगियों को आप न्यूनतम एक साल और अधिकतम तीन साल तक गोद लेकर उनका सहयोग कर सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा टीबी मरीजों के लिए मुफ़्त दवाई, टीबी संबंधित विविध मुफ़्त जांच तथा कई प्रकार की अन्य मदद भी की जाती है। परंतु मेरा मानना है कि टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आप सभी की जनभागीदारी एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगी।
मैं आपसे अपील करना चाहता हूं कि जन-आंदोलन को सही मायने में साकार करने के लिए इस मिशन का हिस्सा बनें और टीबी के खिलाफ देश की इस सामूहिक लड़ाई में सक्रिय भागीदार बनें। जैसे हमकोविड के विरुद्ध सशक्त लड़ाई लड़ रहे हैं, उसी प्रकार टीबी उन्मूलन के लिए भी सामुदायिक समर्थन से एकसंगठित लड़ाई लड़ेंगे।
मैं आज आपके सामने रामायण का एक अंश साझा करना चाहूँगा। जब प्रभु श्री राम लंका जाने के लिए पुल का निर्माण कर रहे थे तब मदद के लिए एक गिलहरी भी आई। प्रभु श्री राम ने उसके इस छोटे से योगदान को भी सराहा।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में देशवासी उस गिलहरी से प्रेरणा लेकर इस ईश्वरीय कार्यसे भारत को टीबी मुक्त बनाने में एक बहुत बड़ा सेवा कार्य कर सकती है। मुझे पूर्ण विश्वास है किप्रधानमंत्री जी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के इस मूलमंत्र से, मानवता का यह कार्य करने के लिए,इस जन-आंदोलन में आप अवश्य जुड़ेंगे और 2025 तक भारत को टीबी मुक्त कर देंगें।
टीबी हारेगा, देश जीतेगा।
—दैनिक हाक
*लेखक भारत सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं खाद मामलों के केंद्रीय मंत्री हैं।