नेक्स्ट कॉन्क्लेव 2025 में पीएम मोदी ने कहा, दुनिया का केंद्र बन चुका है 21 सदी का भारत

PM Modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेक्स्ट कॉन्क्लेव (एनएक्सटी) 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि 21 सदी का भारत अब दुनिया का केंद्र बन चुका है। इसी के साथ उन्होंने भारत की वैश्विक पहचान, आर्थिक प्रगति और प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया और कहा, भारत अब हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ देश बन चुका है। उन्होंने महाकुंभ 2025 का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान किया और पूरी दुनिया इस अद्भुत आयोजन को देखकर हैरान रह गई। इसके अलावा, उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि 60 साल बाद पहली बार कोई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी है। फैक्ट्री ऑफ द वर्ल्ड बन रहा भारत इसी बीच पीएम मोदी ने भारत की स्थानीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद दुनियाभर में लोकप्रिय हो चुके हैं। भारत के सुपरफूड्स, मखाने और श्रीअन्न (मिलेट्स) अब वैश्विक बाजारों में अपनी जगह बना रहे हैं। भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी निर्यातक बन चुका है। दशकों तक भारत को बैक ऑफिस कहा जाता था, लेकिन अब भारत फैक्ट्री ऑफ द वर्ल्ड बन रहा है। पुराने कानूनों को खत्म करने पर जोर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 1,500 से अधिक अप्रासंगिक और पुराने कानून खत्म किए हैं। इनमें से कई कानून अंग्रेजों के जमाने के थे, जो आज के दौर में पूरी तरह बेकार हो चुके थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पहले बांस को पेड़ माना जाता था, जिससे उसे काटने पर कानूनी प्रतिबंध था। लेकिन उनकी सरकार ने यह नियम बदल दिया जिससे अब पूर्वोत्तर भारत के आदिवासी समुदायों को बड़ा फायदा मिल रहा है। विश्लेषकों और बुद्धिजीवियों पर निशाना पीएम मोदी ने अपने भाषण में राजनीतिक-विश्लेषकों और कथित बुद्धिजीवियों पर निशाना साधा और कहा, कि मुझे उस समय की सरकार और नेताओं से कुछ कहना नहीं है, लेकिन मुझे ज्यादा आश्चर्य लुटियंस जमात और खान मार्केट गैंग पर हो रहा है। ये लोग 75 साल तक इन पुराने कानूनों पर चुप क्यों थे? हमारी सरकार ने गुलामी के कालखंड के कानूनों को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भारत में प्रशासनिक सुधार हुए हैं, जिससे कर-प्रक्रियाओं को आसान बनाया गया है। पहले जहां आयकर रिटर्न दाखिल करने में महीनों लगते थे, वहीं अब रिफंड कुछ ही दिनों में मिल जाता है।

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